"बिलासा पाठस्य सारांश शतशब्देषु हिन्दीभाषया लिखत-
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उत्तर: लगभग सौ साल पहले परसू नाम के व्यक्ति की पत्नी बैशाखा ने एक कन्या को जन्म दिया। जिसका नाम बिलासा रखा गया। वह साहसी कन्या थी। एक बार सोते हुए बालक को लेकर भागते भेड़िए को उसने डण्डे से मार भगाया। युद्ध कला सीखने पर उसे गॉंव की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई।
बिलासा का विवाह बंशी नामक युवक से हुआ। बिलासा का पति रोज जंगल में भैंसा चराने जाता था। बिलासा उसके साथ जंगल से फल इत्यादि तोड़ने जाती थी। जहॉं एक दिन उसने बाघ से राजा के प्राणों की रक्षा की। इससे प्रसन्न होकर राजा ने उसे रतनपुर की ‘महिला सेनापति के पद पर नियुक्त किया।
कालांतर में पड़ोसी राज्य के आक्रमण में राज्य की रक्षा करते हुए वह वीरगति को प्राप्त हुई। राजा ने उसके सम्मान में मछुवारों के निवास स्थान को ‘बिलासपुर’ नाम दिया। इसी शहर में छ.ग. राज्य का उच्च न्यायालय स्थित है।
बिलासा अपने कार्यों से अपने समाज में ही नहीं पूरे राज्य में सम्मानित है। राज्य सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष मत्स्य पालन के क्षेत्र में प्रोत्साहन के रूप में ‘बिलासाबाई केंवटिन’ पुरस्कार दिया जाता है।
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बिलासा का पति रोज जंगल में भैंसा चराने जाता था। बिलासा उसके साथ जंगल से फल इत्यादि तोड़ने जाती थी। जहॉं एक दिन उसने बाघ से राजा के प्राणों की रक्षा की। इससे प्रसन्न होकर राजा ने उसे रतनपुर की 'महिला सेनापति के पद पर नियुक्त किया।