बालगोबिन भगत पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए कि सन्यास का आधार वेशभूषा नहीं, जीवन के
मानवीय सरोकार होते हैं ।
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बालगोबिन भगत की वेशभूषा :
बालगोबिन भगत मँझोले क़द के गोरे-चिट्टे आदमी थे| उम्र साथ से ऊपर होने के कारण उनके बाल पककर सफ़ेद हो गए थे, जिनसे उनका चेहरा जगमगाता था | वे कमर में मात्र एक लंगोटी और सर पर कबीरपंथियों जैसे कनफटी टोपी पहनते थे | जादा आने पर एक काली कमली ओढ़ लेते थे | मस्तक पर रामानंदी चन्दन लगाते और गले में तुलसी माला रहती थी |
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