Science, asked by lalitkumar6379, 1 year ago

बालगोबिन भगत द्वारा पुत्र का दाह संस्कार पतोहू से ही कराने तथा विधवा बहु की दूसरी शादी रचाने के निर्देश में उसकी किस विचारधारा का परिचय मिलता हैं?PLEASE ANSWER QUICKLY. BEST ANSWER WILL BE MARKED AS BRAINLIEST

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Answered by nitin1187
49

Answer:

पाठ के आधार पर कुछ ऐसे प्रसंग आए हैं जिनसे यह मालूम होता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित मान्यताओं को नहीं मानते थे इसमें सबसे पहले उनके पुत्र की मृत्यु पर शोक मनाने के बदले उत्सव मनाने के लिए कहना बालगोबिन भगत ही मानते थे कि मृत्यु के बाद आत्मा और परमात्मा आपस में मिल जाती है अपने प्रेमी से मिलन आनंद का कारण है दूसरा यह है कि पुत्र वधू की शादी के लिए जोर डालना अपने बेटे की उन्होंने अपनी पुत्र वधू से मुखाग्नि दिलवाई तथा भाई को बुला कर उसका पुनर्विवाह करवाने का आदेश दे दिया उन्होंने अपनी पुत्रवधू को बेडवे जीवन जीने के लिए मजबूर ना करके दूसरी शादी करने को कहा इससे उनकी इस भाव भाव में श्रेष्ठ सिद्धांत रहे होंगे तथा अगाध श्रद्धा के कारण रहे होंगे please give me a brain list

Answered by gadgetejas
6

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पाठ के आधार पर कुछ ऐसे प्रसंग आए हैं जिनसे यह मालूम होता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित मान्यताओं को नहीं मानते थे इसमें सबसे पहले उनके पुत्र की मृत्यु पर शोक मनाने के बदले उत्सव मनाने के लिए कहना बालगोबिन भगत ही मानते थे कि मृत्यु के बाद आत्मा और परमात्मा आपस में मिल जाती है अपने प्रेमी से मिलन आनंद का कारण है दूसरा यह है कि पुत्र वधू की शादी के लिए जोर डालना अपने बेटे की उन्होंने अपनी पुत्र वधू से मुखाग्नि दिलवाई तथा भाई को बुला कर उसका पुनर्विवाह करवाने का आदेश दे दिया उन्होंने अपनी पुत्रवधू को बेडवे जीवन जीने के लिए मजबूर ना करके दूसरी शादी करने को कहा इससे उनकी इस भाव भाव में श्रेष्ठ सिद्धांत रहे होंगे तथा अगाध श्रद्धा के कारण रहे होंगे please give me a brain list

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