Psychology, asked by aditimaurya, 10 months ago

बालक के जीवन में माता पिता avam शिक्षक की भूमिका in 1000shabdo me​

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Answered by andsssss
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किसी भी देश के भविष्य का विकास शिक्षकों के हाथ में है। हम जीवन में क्या बनते है यह भी शिक्षकों पर निर्भर करता है। शिक्षक विश्लेषण के लिए छात्रों के दिमाग में डेटा और जानकारी भरते है। हमारे जीवन में शिक्षक का महत्त्व बहुत होता है।

इसलिए शिक्षकों की सराहना बहुत जरूरी है क्योंकि शिक्षक देश में सबसे महत्वपूर्ण लोग होते है। आज हम बिज़नस, राजनीति और समाज में जो कुछ भी देख रहे है वो सभी शिक्षकों से प्रभावित हैं। इसलिए भारत में हर साल 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाते हैं।

छात्र सलाह और मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों पर निर्भर रहते है। छात्र न केवल अकादमिक पाठों में बल्कि वे अपने जीवन के पाठों का पालन करने में भी रूचि रखते हैं की कैसे उन्हें जीवन में आगे निकलना है। यही कारण है की शिक्षकों के लिए छात्रों को अच्छी आदतों का पालन करने के लिए उत्साह करना बेहद जरूरी है।

माता पिता भगवान की दिए हुए सबसे अनमोल उपहार है। माता पिता का स्थान हर व्यक्ति के जीवन में भगवान से भी पहले आता है और यह पूजनीय है। माता पिता का प्यार निस्वार्थ होता है और वह हमारी खुशियों के लिए अपनी खुशियों को त्याग देते हैं। बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाए पर वह माँ बाप के लिए हमेशा छोटे ही रहते हैं। दुनिया का कोई भी रिश्ता झूठा हो सकता है लेकिन माँ बाप का रिश्ता हमेशा सच्चा होता है। माता पिता हमेशा अपने बच्चों को सफल होते हुए देखना चाहते हैं और उनकी जरूरतें पूरी करते हैं।

माता पिता दिन रात हमारे लिए कार्य करते हैं और हर मुसीबत को हमारे तक आने से पहले ही रोक देते हैं। माता पिता का अपने बच्चों के साथ एक पवित्र रिश्ता होता है। सिर्फ माता पिता ही होते हैं जो हमें जीवन देते हैं और अच्छे संस्कारों से सींचते हैं। हमारे जन्म से लेकर उनकी मृत्यु तक वह हर कदम पर हमारे साथ होते हैं। वह हमें संस्कार देकर इस समाज में रहने योग्य बनाते हैं और हमारा सही मार्गदर्शन करते हैं। माता पिता की ममता और त्याग का कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते हैं पर हमें भी उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए। आधुनिक समय में लोग माता पिता के महत्व को भूलते जा रहे हैं और उनसे सही तरीके से बात भी नहीं करते हैं। बच्चे बड़े होते माँ बाप का प्यार भूल जाते हैं और उन्हें वृदाश्रम छोड़ आते हैं जो कि बहुत गलत है।

माता पिता का निरादर भगवान के निरादर के समान हैं। हमें अपने माता पिता का कहना मानना चाहिए और उन्हें खुश रखना है। माता पिता अद्वितीय है उनके समान दुनिया में दुसरा कोई भी नहीं है। हमें हमेशा अपने माता पिता का सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह जीवन में सिर्फ एक बार ही मिलते हैं।

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