१- बिलवासी जी ने जिस प्रकार समस्या को सुलझाया क्या वह उचित था? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
२- जहांगीरी अंडे और अकबरी लोटे की झूठी कहानी सुनाकर अंग्रेज व्यक्तियों को भारतीयों ने मूर्ख बनाकर अपना काम निकाला।इससे भारतीयों की चतुराई का पता चलता है। लेकिन किसी अजनबी के साथ इस प्रकार का व्यवहार हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है? क्या आप इससे सहमत हैं? यदि हाँ और यदि नहीं तो तर्क सहित उत्तर दीजिए।
३- सूरदास के प्रथम पद में कृष्ण को किस प्रलोभन में माखन रोटी के स्थान पर दूध पिलाया जाता था? इस प्रकार बच्चों को लालच देना उचित है या अनुचित तर्क सहित उत्तर दीजिए।
४- ग्वालिने माता यशोदा से कृष्ण की क्या शिकायत करती है और क्यों? (10 Points)
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Answer:
१- बिलवासी जी ने अपने मित्र लाला झाऊलाल की रुपयों की समस्या का समाधान करने के लिए अपनी पत्नी के गले में पड़ी चाबी रात में सोते समय निकालकर उसके संदूक में पड़े रुपयों को निकाल लिया और लाला जी के घर उसे देने पहुँच गए। 'अकबरी लोटा' वाली घटना हो जाने के कारण उन रुपयों की जरूरत नहीं पड़ी।
२- जहाँगीरी अंडा' भी अकबरी लोटे की तरह अंग्रेज़ को मूर्ख बनाकर ठगने की एक घटना पर आधारित है। जिस तरह पं. बिलवासी मिश्र एक अंग्रेज़ को एक साधारण व अनचाहा लोटा पाँच सौ रुपए में उसे 'अकबरी लोटा' बताकर बेच देते है उसी प्रकार अंग्रेज डगलस भी लूटा गया होगा। बाद में वही अंडा 'जहाँगीरी अंडे' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
३- श्रीकृष्ण, बलराम जी की तरह अपनी चोटी चाहते थे परन्तु उनकी चोटी छोटी है। माता यशोदा इसी बात का लाभ उठाकर श्रीकृष्ण को प्रलोभन देते हुए दूध पिलाती हैं कि अगर तुम रोज़ दूध पिओगे तो तुम्हारी चोटी भी बलराम भैया कि तरह मोटी व बड़ी होगी।
४- चोटी न बढ़ने पर बालक कृष्ण माता यशोदा से क्या शिकायत करते हैं? उत्तर: बालक माता यशोदा से शिकायत करते हैं कि माँ तू तो कहा करती थी कि मेरी चोटी बलराम भैया की तरह लम्बी और मोटी हो जाएगी तथा बार-बार नहलाते, धोते, कंघी करते, गूँथते हुए नागिन के समान जमीन पर लोटने लगेगी।
Explanation:
plz mark me as brainliest
note -i kept like the answer no in hindi numbers only its ans 1 like that ok