Business Studies, asked by krishnanmuruga3812, 1 year ago

बीमा ने किस प्रकार पूँजी की आवश्यकता पूर्ति में योगदान दिया है?

Answers

Answered by deshmukhurmila234
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Answer:

follow me then l also follow u dud

Answered by shrutisharma4567
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Explanation:

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बीमा (इंश्योरेंस) उस साधन को कहते हैं जिसके द्वारा कुछ शुल्क (जिसे प्रीमियम कहते हैं) देकर हानि का जोखिम दूसरे पक्ष (बीमाकार या बीमाकर्ता) पर डाला जा सकता है। जिस पक्ष का जोखिम बीमाकर पर डाला जाता है उसे 'बीमाकृत' कहते हैं। बीमाकार आमतौर पर एक कंपनी होती है जो बीमाकृत के हानि या क्षति को बांटने को तैयार रहती है और ऐसा करने में वह समर्थ होती है।

बीमा एक प्रकार का अनुबंध (ठेका) है। दो या अधिक व्यक्तियों में ऐसा समझौता जो कानूनी रूप से लागू किया जा सके, अनुबंध कहलाता है। बीमा अनुबंध का व्यापक अर्थ है कि बीमापत्र (पॉलिसी) में वर्णित घटना के घटित होने पर बीमा करनेवाला एक निश्चित धनराशि बीमा करानेवाले व्यक्ति को प्रदान करता है। बीमा करानेवाला जो सामयिक प्रव्याजि (बीमाकिस्त, प्रीमीयम) बीमा करनेवाले को देता रहता है, वही इस अनुबंध का प्रतिदेय है। 'बीमा' शब्द फारसी से आया है जिसका भावार्थ है - 'जिम्मेदारी लेना'। डॉ॰ रघुवीर ने इसका अनुवाद किया है - 'आगोप'। उसका अंग्रेजी पर्याय "इंश्योरेंस" (Insurance) है।

बीमा वास्तव में बीमाकर्ता और बीमाकृत के बीच अनुबंध है जिसमें बीमाकर्ता बीमाकृत से एक निश्चित रकम (प्रीमियम) के बदले किसी निश्चित घटना के घटित होने (जैसे कि एक निश्चित आयु की समाप्ति या मृत्यु की स्थिति में) पर एक निश्चित रकम देता है या फिर बीमाकृत की जोखिम से होने वाले वास्तविक हानि की क्षतिपूर्ति करता है।

बीमा के आधार के बारे में सोचने पर पता चलता है कि बीमा एक तरह का सहयोग है जिसमें सभी बीमाकृत लोग, जो जोखिम का शिकार हो सकते हैं, प्रीमियम अदा करते हैं जबकि उनमें से सिर्फ कुछ (बहुत कम) को ही, जो वास्तव में नुकसान उठाते हैं, मुआवजा दिया जाता है। वास्तव में जोखिम की संभावना वालों की संख्या अधिक होती है लेकिन किसी निश्चित अवधि में उनमें से केवल कुछ को ही नुकसान होता है। बीमाकर्ता (कंपनी) बीमाकृत पक्षों के नुकसान को शेष बीमाकृत पक्षों में बांटने का काम करती है।

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