बिना विचार घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है? यशपाल के इस विचार से आप कहां तक सहमत हैं?
Answers
अपने इस विचार के द्वारा यशपाल ने नई कहानी के दौर के लेखकों पर व्यंग किया है।
बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है, यह बात तो सत्य है परन्तु उस कहानी में वह प्रभाव नहीं होगा, जो घटनाओं और पात्रों पर आधारित विचारपूर्ण कहानियों में होता है। उस कहानी का पाठक वैसा ही महसूस करेगा जैसे खीरे को खाए बिना उसे सूँघकर ही छोड़ दिया जाए। इस प्रकार उस कहानी में कल्पना तत्व की ही प्रधानता रहेगी, उसमे यथार्थ का पट नहीं होगा। कोई घटना या कथावस्तु कहानी में वास्तविकता प्रदान करने के साथ-साथ उसे आगे भी बढ़ाता है। इसीलिए यह दोनों एक अच्छे कहानी के लिए आवश्यक होता है।
इस विचार से मैं सहमत हूं क्योंकि बिना किसी बिना किसी घटना और पात्र के कोई भी कहानी नहीं लिखी जा सकती क्योंकि हर कहानी के पीछे एक घटना होती है और हर कहानी में कोई ना कोई पात्र होता है बिना किसी घटना और पात्र के तो कोई कहानी संभव ही नहीं है