Hindi, asked by Atharva8175, 11 months ago

बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय इस विषय पर अनुच्छेद 200 शब्दों

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Answered by palak9053
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Answer:

बिना बिचारे जो करे सो पाछे पछताय

Explanation:

बिना बिसारे जो करें सो पाछे पछताय से तात्पर्य है कि जो मनुष्य किसी भी कार्य को करने से पहले कुछ भी नहीं सोचता है व उस कार्य को पहचानता नहीं है और उसे कर ही देता है. फिर उसे अपनी गलती का एहसास होने लगता है तो वह उस समय पछताता हैं.

बिना बिसारे जो करें सो पाछे पछताय से तात्पर्य है कि जो मनुष्य किसी भी कार्य को करने से पहले कुछ भी नहीं सोचता है व उस कार्य को पहचानता नहीं है और उसे कर ही देता है. फिर उसे अपनी गलती का एहसास होने लगता है तो वह उस समय पछताता हैं.फिर तो अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गई खेत. मनुष्य को अपने किसी कार्य को करने से पूर्व सोच समझकर ही निर्णय लेना चाहिए ताकि उसे बाद में पछताना न पड़े.

बिना बिसारे जो करें सो पाछे पछताय से तात्पर्य है कि जो मनुष्य किसी भी कार्य को करने से पहले कुछ भी नहीं सोचता है व उस कार्य को पहचानता नहीं है और उसे कर ही देता है. फिर उसे अपनी गलती का एहसास होने लगता है तो वह उस समय पछताता हैं.फिर तो अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गई खेत. मनुष्य को अपने किसी कार्य को करने से पूर्व सोच समझकर ही निर्णय लेना चाहिए ताकि उसे बाद में पछताना न पड़े.मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है उसमें सोचने समझने की बुद्धि हैं. मनुष्य को भगवान से सब कुछ दिया हैं. भगवान ने मनुष्य को सबसे अधिक बुद्धिमान बनाया हैं और हमारे पास किसी भी कार्य को परखने की क्षमता हैं.

अब वह समय आ चूका है हम कार्य को कर चुके है हम हमारा समय बर्बाद कर चुके है इसलिए लोगों को अपने कार्य करने से पहले समय जरुर लेना चाहिए. उस पर विचार करना चाहिए, उससे होने वाली लाभ हानि की पहचान होनी चाहिए. ताकि बाद में असफलता या निराशा हाथ लगने पर पछताना न पड़े बुद्धिमान लोग हमेशा सोच समझकर कार्य करते है जिससे उन्हें दुःख न हो और न ही बाद में पछताना पड़े.

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