बार -बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िदगी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दुखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुज़रे । कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा।... क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया।... और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे।
प्रश्न १ उपरोक्त विचार किस के मन में घूम रहे थे
1 point
हालदार साहब के मन में
मास्टर के मन में
कैप्टन के मन में
इनमें से कोई
प्रश्न २ नेताजी की आँखों पर चश्मा लगाना कौन भूल गया था? *
1 point
कलाकार
मूर्तिकार
कुम्हार
मास्टर
प्रश्न ३ पाठ के लेखक कौन हैं ? *
1 point
रामवृक्ष बेनीपुरी
स्वयं प्रकाश
मुंशी प्रेमचंद
उपरोक्त कोई नहीं
प्रश्न ४ हालदार साहब के दुखी होने का क्या कारण था ?
1 point
लोगों के मन में देशभक्ति की कमी
शहीदों के प्रति सम्मान की कमी
लोगों का स्वार्थी होना
उपरोक्त सभी
प्रश्न ५गद्यांश में युवा पीढ़ी के लिए निहित सन्देश क्या *
1 point
देशप्रेम की भावना को बढ़ाना
देश को लूटना
देश में दंगे करवाना
देश को टुकड़ों में बांटना
प्रश्न ६ चौराहे पर कौन नहीं रुकना चाहता था ? *
1 point
ड्राइवर
हालदार साहब
पान वाला
कप्तान
plzz jaldi bata diyjie answer
Answers
Answered by
0
Answer:
झवायची वेळ जाइल
।
।
।
कळलं
Similar questions