बेरोजगारी समस्या एवं समाधान पर निबंध प्रस्तावना रोजगार की समस्या रोजगार घटने के कारण निराकरण के उपाय एंड उपसंहार के साथ
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इस गम्भीर समस्या के अनेक कारण हैं । बड़े पैमाने पर मशीनों का अंधाधुंध प्रयोग बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण है । इनके कारण मनुष्य के श्रम की आवश्यकता बहुत कम हो गई है । इसके अलावा हमारी जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है । जनसंख्या की वृद्धि के अनुपात से उत्पादन के कामी तथा रोजगार के अवसरों में कम वृद्धि होती है । इसलिए बेरोजगारी लगातार बढती ही जाती है ।
भारत में व्याप्त अशिक्षा भी बेरोजगारी का मुख्य कारण है । आज के मशीनी युग में शिक्षित और कुशल तथा प्रशिक्षित व्यक्तियो की आवश्यकता पडती है । इसके अलावा, हमारी शिक्षा प्रणाली भी दोषपूर्ण है । हम अपनी शिक्षा व्यवस्था में साक्षरता को ही विशेष महत्त्व देते हैं । व्यावसायिक तथा तकनीकी शिक्षा की अवहेलना होती है । तकनीकी शिक्षा का जो भी प्रबन्ध है, उसमे सैद्धांतिक पहलू पर अधिक जोर दिया जाता है और व्यावहारिक पहलू पर ध्यान नहीं दिया जाता ।
Answer:
भारत की गरीबी का एक मुख्य कारण देश में फैली बेरोजगारी है । यह देश की एक बड़ी समस्या है, जो शहरो और गांवो में समान रूप से व्याप्त है । यह एक सामाजिक-आर्थिक समस्या है, जो आधुनिक युग की देन है । हमारे देश में इसने बड़ा गम्भीर रूप धारण कर लिया है । इसके कारण देश में शान्ति और व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है । अत: इस समस्या के तत्काल निदान की आवश्यकता है ।
भारत में बेरोजगारी के कारण:
इस गम्भीर समस्या के अनेक कारण हैं । बड़े पैमाने पर मशीनों का अंधाधुंध प्रयोग बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण है । इनके कारण मनुष्य के श्रम की आवश्यकता बहुत कम हो गई है । इसके अलावा हमारी जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है । जनसंख्या की वृद्धि के अनुपात से उत्पादन के कामी तथा रोजगार के अवसरों में कम वृद्धि होती है । इसलिए बेरोजगारी लगातार बढती ही जाती है ।
भारत में व्याप्त अशिक्षा भी बेरोजगारी का मुख्य कारण है । आज के मशीनी युग में शिक्षित और कुशल तथा प्रशिक्षित व्यक्तियो की आवश्यकता पडती है । इसके अलावा, हमारी शिक्षा प्रणाली भी दोषपूर्ण है । हम अपनी शिक्षा व्यवस्था में साक्षरता को ही विशेष महत्त्व देते हैं । व्यावसायिक तथा तकनीकी शिक्षा की अवहेलना होती है । तकनीकी शिक्षा का जो भी प्रबन्ध है, उसमे सैद्धांतिक पहलू पर अधिक जोर दिया जाता है और व्यावहारिक पहलू पर ध्यान नहीं दिया जाता ।
यही कारण है कि हमारे इंजीनियर तक मशीनो पर काम करने से कतराते हैं । साधारण रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त करके हम केवल नौकरी करने लायक बन पाते हैं । शिक्षा में श्रम को कोई महत्त्व नही दिया जाता । अत: शिक्षित व्यक्ति शारीरिक मेहनत के काम करने से कतराते हैं ।
सभी व्यक्ति सफेदपोशी की नौकरियो के पीछे भागते हैं । ऐसा काम इतने अधिक नहीं होते । जिनमें सभी शिक्षित व्यक्ति लग सके । इसीलिए क्लर्को की छोटी नौकरी तक के लिए भारी प्रतियोगिता होती है । रोजगार कार्यालयों में शिक्षित बेरोजगारों की लम्बी-लम्बी कतारे देखी जा सकती हैं । इनके रजिस्टरों में परजीकृत बेरोजगारी की सज्जा निरन्तर बढ़ती जा रही है ।
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