बाज़ार पर समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण, आर्थिक दृष्टिकोण से किस तरह अलग है?
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बाज़ार पर समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण एवं आर्थिक दृष्टिकोण
- समाजशास्त्र का विस्तार अमेरिका में हुआ
- एडम स्मिथ ने अपनी पुस्तक द वेल्थ ऑफ नेशन्स में बाजार की अर्थव्यवस्था को समझाने प्रयास किया | उन्होंने बताया कि बाज़ारी अर्थव्यवस्था व्यक्तियों में आदान-प्रदान का एक क्रम है ,प्रत्येक व्यक्ति अपने लाभ बढ़ाने के बारे में सोचता है , और ऐसा करते हुए वो जो भी करता है वो स्वतः ही समाज के या सभी के हित में होता है |
- अर्थव्यवस्था एक पृथक हिस्से के रूप में पढ़ा जा सकता है जो राजनीतिक व सामाजिक सन्दर्भ से भिन्न है |
- अर्थशास्त्र समाजशास्त्र में रच बस गया है |
- समाजशास्त्री मानते है कि बाजार सामाजिक संस्थाएं है जो विशेष सांस्कृतिक तरीको निर्मित है |
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