Hindi, asked by XxMackenzieFanxX, 3 months ago

१.बीरबल बहुत ही चतुर थे, इस विषय पर अपने विचार लिखिए।


२.आयन और कनिष्का की बहादुरी में अपने विचार लिखिए।

hindi me likhna hai. Right answer chaiye​

Answers

Answered by shilpaadhau
6

\huge\color{blue}\boxed{\colorbox{black}{♡Answer♡}}

1. महेश दास, (1528 - 16 फरवरी 1586) जो बीरबल के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं, मुगल बादशाह अकबर के दरबार में प्रमुख वज़ीर और अकबर के परिषद के नौ सलाहकारों (नवरत्नोंमें से एक थे। उनका जन्म महर्षि कवि के वंशज जिझौतिया भट्ट ब्राह्मण परिवार में हुआ था वह बचपन से ही तीव्र बुद्धि के थे। प्रारम्भ में ये पान का सौदा बेचते थे। जिसे सामान्यतः "पनवाड़ी" (पान बेचने वाला) कहा जाता है। बचपन में उनका नाम महेश दास था। उनकी बुद्धिमानी के हजारों किस्से हैं जो बच्चों को सुनाए जाते हैं। माना जाता है कि 16 फरवरी 1586 को अफगानिस्तान के युद्ध में एक बड़ी सैन्य मंडली के नेतृत्व के दौरान बीरबल की मृत्यु हो गयी।

2.कवि कहता है कि सूर्योदय से पहले आकाश का रंग गहरे नीले रंग का होता है तथा वह सफेद शंख-सा दिखाई देता है। आकाश का रंग ऐसा लगता है मानो किसी गृहिणी ने राख से चौका लीप दिया हो। सूर्य के ऊपर उठने पर लाली फैलती है तो ऐसा लगता है जैसे काली सिल को किसी ने धो दिया हो या उस पर लाल खड़िया मिट्टी मल दिया हो। नीले आकाश में सूर्य ऐसा लगता है मानो नीले जल में गोरी युवती का शरीर झिलमिला रहा है। सूर्योदय होते ही उषा का यह जादुई प्रभाव समाप्त हो जाता है।

Answered by Ghanu123456
0

Answer:

\huge\color{blue}\boxed{\colorbox{black}{♡Answer♡}}

♡Answer♡

1. महेश दास, (1528 - 16 फरवरी 1586) जो बीरबल के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं, मुगल बादशाह अकबर के दरबार में प्रमुख वज़ीर और अकबर के परिषद के नौ सलाहकारों (नवरत्नोंमें से एक थे। उनका जन्म महर्षि कवि के वंशज जिझौतिया भट्ट ब्राह्मण परिवार में हुआ था वह बचपन से ही तीव्र बुद्धि के थे। प्रारम्भ में ये पान का सौदा बेचते थे। जिसे सामान्यतः "पनवाड़ी" (पान बेचने वाला) कहा जाता है। बचपन में उनका नाम महेश दास था। उनकी बुद्धिमानी के हजारों किस्से हैं जो बच्चों को सुनाए जाते हैं। माना जाता है कि 16 फरवरी 1586 को अफगानिस्तान के युद्ध में एक बड़ी सैन्य मंडली के नेतृत्व के दौरान बीरबल की मृत्यु हो गयी।

2.कवि कहता है कि सूर्योदय से पहले आकाश का रंग गहरे नीले रंग का होता है तथा वह सफेद शंख-सा दिखाई देता है। आकाश का रंग ऐसा लगता है मानो किसी गृहिणी ने राख से चौका लीप दिया हो। सूर्य के ऊपर उठने पर लाली फैलती है तो ऐसा लगता है जैसे काली सिल को किसी ने धो दिया हो या उस पर लाल खड़िया मिट्टी मल दिया हो। नीले आकाश में सूर्य ऐसा लगता है मानो नीले जल में गोरी युवती का शरीर झिलमिला रहा है। सूर्योदय होते ही उषा का यह जादुई प्रभाव समाप्त हो जाता है।

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