Hindi, asked by amitdhan21, 4 months ago

बीरबल के चरित्र का वर्णन करें​

Answers

Answered by rekhesajeri
1

Explanation:

इनके बचपन का नाम महेश दास था। बचपन से ही वो बहुत ही चतुर एवं बुद्धिमान थे। उनके जन्म के विषय मे मतभिन्नता है। कुछ विद्वान उन्हें आगरा के निवासी, कोई कानपुर के घाटमपुर तहसील के, कोई दिल्ली के निवासी और कोई मध्य प्रदेश के सीधी जिले का निवासी बताते हैं। पर ज्यादातर विद्वान मध्य प्रदेश के सीधी जिले के घोघरा गाँव को ही बीरबल का जन्मस्थान स्वीकार करते हैं।

अकबर से मिलन संबंधी अनेक कथाएं प्रचलित है। सबसे प्रचलित कथा के अनुसार, एक बार बादशाह अकबर ने अपने एक पान का बीड़ा लगाने वाले नौकर को एक "पाओभर" (आज का लगभग 250 ग्राम) चूना लेकर आने को कहा। नौकर किले के बाहर दुकान करने वाले पनवाड़ी से पाओभर चूना लेने गया। इतना सारा चूना ले जाते देख पनवाड़ी को कुछ शक होता है। इसलिए बीरबल नौकर से पूरा घटनाक्रम जानता है, और कहता है कि बादशाह यह चूना तुझको ही खिलवायेगा। तेरे पान में लगे ज्यादा चूने से बादशाह की जीभ कट गई है, इसलिए यह सब चूना तुझे ही खाना पड़ेगा। इसलिए इतना ही घी भी ले जा, जब बादशाह चूना खाने को कहे तो चूना खाने के बाद घी पी लेना।

नौकर दरबार मे चूना लेकर जाता है, और बादशाह नौकर को वह सारा पाओभर (250 ग्राम) चूना खाने का आदेश देता है। नौकर वह सारा चूना खा लेता है, लेकिन उस पनवाड़ी बीरबल की सलाह के अनुसार घी भी पी लेता है। अगले दिन जब बादशाह का वह नौकर पुनः जब राज दरबार पहुचता है, तो अकबर उसे जीवित देख आश्चर्य से उसके जीवित बचने का कारण जानता है। नौकर सारी बात बादशाह को बताता है, कि कैसे किले के बाहर के पनवाड़ी की समझ-बूझ से वह बच सका। बादशाह उस पनवाड़ी की बुद्धिमत्ता से प्रभावित हो उसे दरबार मे बुलवाते है। इस प्रकार बादशाह अकबर और बीरबल का पहली बार आमना सामना होता है। और अकबर ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति को अपने दरबार मे स्थान देते हैं।

अकबर के दरबार में अकबर ने इन्हें "वीर वर" का खिताब दिया, चलते चलते वह बीरबल होगया।[कृपया उद्धरण जोड़ें]

राजा बीरबल को कई बार बादशाह अकबर दरबार में ऐसे सवाल पूछ लिया करते थे जिनका जवाब देना बहुत कठिन हो जाता था परंतु राजा बीरबल अपनी बुद्धिमानी से प्रसिद्ध थे इस कारण वह सभी प्रश्नों का उत्तर आसानी से दे देते थे।

अकबर के दरबार में बीरबल का ज्यादातर कार्य सैन्य और प्रशासनिक थे तथा वह सम्राट का एक बहुत ही करीबी दोस्त भी था, सम्राट अक्सर बुद्धि और ज्ञान के लिए बीरबल की सराहना करते थे। ये कई अन्य कहानियो, लोककथाओं और कथाओ की एक समृद्ध परंपरा का हिस्सा बन गए हैं

Answered by Thakurji5052
0

Answer:

gsayurwsgggdsfyrteet and a few of them have a lot of fun with their own experience in a different environment than a lot more than one is a network of people who 6th or

Similar questions