History, asked by kabiraayat123, 2 months ago

बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान संप्रदाय का वर्नन करे​

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Answered by shreyapoojary995
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Answer:

महायान शब्द का वास्तविक अर्थ इसके दो खंडों (महा+यान) से स्पष्ट हो जाता है. “यान” का अर्थ मार्ग और “महा” का श्रेष्ठ, बड़ा या प्रशस्त समझा जाता है. तात्पर्य उस ऊँचे या प्रगतिशील मार्ग से था, जो हीनयान से बढ़कर था. यह लोकोत्तर मार्ग था, जिसका ऊँचा आदर्श था और इसी के कारण ईसा पूर्व पहली शताब्दी में ही बुद्ध धर्म में विभेद हो गया.

वैशाली-संगीति में पश्चिमी तथा पूर्वी बौद्ध अलग-अलग हो गये, जिन्होंने त्रिपिटक में कुछ परिवर्तन किया. पूर्वी शाखा को महासंघिक का भी नाम दिया जाता है, जिससे आगे चलकर महायान का नामकरण किया गया. बोधिसत्त्व की भावना के कारण महायान बोधिसत्त्वयान के नाम से भी साहित्य में प्रसिद्ध है.

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