Math, asked by madhumashiya1, 7 months ago

बादल को घिरते देखा है कविता के प्राकृतिक चित्रण आप 4 बिंदुओं में वर्णन कीजिए इसका आंसर​

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Answered by bhatiamona
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"बादल को घिरते देखा है" कविता के प्रकृति चित्रण का आप चार बिंदुओं में वर्णन कीजिए?

"बादल को घिरते देखा है" कविता नागार्जुन द्वारा लिखी गई है| इसमें कवि में बादल व प्रकति के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन किया है|

हिमालय पर्वत की ऊँची चोटियों बर्फ़ से भरी रहती है , एकदम सफेद चोटियों पर घिरे हुए बादलों की सुन्दरता को कवि ने खुब देखा है| हिमालय को चोटियों बर्फ़ से सफेद दिख रहा है| चोटियों पर घिरे बादल सुंदर प्रतीत हो रहे है| छोटे-छोटे ओस की बुँदे मोतियों के समान दिखाई देती है| हिमालय की ऊँची ऊँची चोटियों के मध्य अनेक छोटेबड़ी स्वच्छ झीलें है | उन झीलों पर बहने वाला एक दम पवित्र और नीला है|

सुंदर वातावरण में उन्होंने चकवा-चकवी के जोड़े को प्रेम के गान गाते बहुत सुन्दर लग रहे है| बर्फ़ से भरी हुई घाटियों में मृग अपनी नाभी में से आती हुई खुशबु के पीछे-पीछे पागल हो रहा है| उसको यह नहीं पता कि वह खुशबु उसी से आ रही है| खुशबु के लिए वह अपने आप सही छोड़ रहा है| बादलों के निसह यह दृश्य बहुत सुन्दर लग रहा है| हिमालय पर्वत इतनी ऊंचाई पर होने के कारण धन के स्वामी कुबेर की नगरी अलकापुरी नहीं मिली| यहाँ पर किन्नर और किन्नरियाँ निवास करते है | वह फूलोंको गहना मानते है और गले में नीलम की माला धारण करते है | वह सभी मदिरा का पान कर रहे है| मस्त होकर बांसुरी बजा रहे है| उस समय चारों और बादल छाए हुए है| कवि ने बादलों का अनेक प्रकार से बहुत सुन्दर वर्णन किया है।

Answered by TanishaKharb
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