India Languages, asked by emantuti7708, 1 year ago

Babulal marandi kahan tak pade hai aur unki shiksha

Answers

Answered by vish143690
12

Answer:

Hey mate your answer is here

Explanation:

इनका जन्म 11 जनवरी 1958 को वर्तमान झारखंड के गिरिडीह जिले के कोदाईबांक नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम छोटे लाल मरांंडी तथा माता का नाम श्रीमती मीना मुर्मू है।

इनकी शिक्षात्मक योग्यता स्नातक है। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मरांडी आरएसएस से जुड़ गए। आरएसएस से पूरी तरह जुड़ने से पहले मरांडी ने गांव के स्‍कूल में कुछ सालों तक कार्य किया। इसके बाद वे संघ परिवार से जुड़ गए। उन्‍हें झारखंड क्षेत्र के विश्‍व हिन्‍दू परिषद का संगठन सचिव बनाया गया।

1983 में वे दुमका जाकर संथाल परगना डिवीजन में कार्य करने लगे। 1989 में इनकी शादी शांतिदेवी से हुई। एक बेटा भी हुआ अनूप मरांडी, जिसकी 27 अक्टूबर 2007 को झारखंड के गिरिडीह क्षेत्र में हुए नक्‍सली हमले में मौत हो गई।

1991 में मरांडी भाजपा के टिकट पर दुमका लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। 1996 में वे फिर शिबू शोरेन से हारे। इसके बाद बीजेपी ने 1998 में उन्हेंविधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड बीजेपी का अध्‍यक्ष बनाया। पार्टी ने उनके नेतृत्‍व में झारखंड क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में से 12 पर कब्‍जा किया।

1998 के चुनाव में उन्होंने शिबू शोरेन को संथाल से हराकर चुनाव जीता था, जिसके बाद एनडीए की सरकार में बिहार के 4 सांसदों को कैबिनेट में जगह दी गई। इनमें से एक बाबूलाल मरांडी थे।

2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्‍य बनने के बाद एनडीए के नेतृत्‍व में बाबूलाल मरांडी ने राज्‍य की पहली सरकार बनाई।

उस समय के राजनीति विशेषज्ञों के अनुसार मरांडी राज्‍य को बेहतर तरीके से विकसित कर सकते थे। राज्‍य की सड़कें, औद्योगिक क्षेत्र तथा रांची को ग्रेटर रांची बना सकते थे। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कई सराहनीय कदम उठाये। छात्राओं के लिए साइकिल की व्यवस्था, ग्राम शिक्षा समिति बनाकर स्थानीय विद्यालयों में पारा शिक्षकों की बहाली, आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए प्लेन पायलट की प्रशिक्षण, सभी गाँवों, पंचायतों और प्रखण्डों में आवश्यकतानुसार विद्यालयों का निर्माण, राज्य में सड़कें, बिजली और पानी की उचित व्यवस्था के लिए अन्य योजनाओं की शुरुआत की। जनता को विश्वास होने लगा था झारखण्ड राज्य विकास की ओर अग्रेसित हो रहा है। हालांकि मरांडी उनके इस विश्‍वास को कम समय में पूरा नहीं कर सके और उन्‍हें जदयू के हस्‍तक्षेप के बाद सत्‍ता छोड़ अर्जुन मुंडा को सत्‍ता सौंपनी पडी़।

इसके बाद उन्‍होंने राज्‍य में एनडीए को विस्‍तार (विशेषकर राची में) देने का कार्य किया। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने कोडरमा सीट से चुनाव जीता, जबकि अन्‍य उम्‍मीदवार हार गए। मरांडी ने 2006 में कोडरमा सीट सहित बीजेपी की सदस्‍यता से भी इस्तीफा देकर 'झारखंड विकास मोर्चा' नाम से नई राजनीतिक पार्टी बनाई।

बीजेपी के 5 विधायक भी भाजपा छोड़कर इसमें शामिल हो गए। इसके बाद कोडरमा उपचुनाव में वे निर्विरोध चुन लिए गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने अपनी पार्टी की ओर से कोडरमा सीट से चुनाव लड़कर बड़ी जीत हासिल की।

Hope it helps u

Mark me as Brainliest !!!

Follow me !!!

Similar questions