Science, asked by dbina159, 8 months ago

bacche ke Naratwa ka nirdharan​

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Answered by pranavkumbhar6866
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Answer:

जब हम अपेक्षाओं के माध्यम से लक्ष्य निर्धारण की बात करते हैं तो दो अहम पहलुओं को ध्यान में रखने की जरूरत होती है। एक अपेक्षा विद्यार्थियों को स्कूल से होती है। इसी तरह स्कूल की भी कुछ अपेक्षाएं विद्यार्थियों से जुड़ी होती हैं। हालांकि उनके बीच की कड़ी में शिक्षकों सहित अभिभावकों को माना जाता है, मगर यह भी सच्चाई है कि इन सभी की अपेक्षाएं एक दूसरे से जुड़ी हैं, जिसके जरिये सभी अपना लक्ष्य निर्धारण करते हैं। विद्यार्थी जीवन में बच्चों का लक्ष्य स्कूल से अच्छी शिक्षा प्राप्त करना होता है, वहीं स्कूल में शिक्षकों का लक्ष्य बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। स्कूल में आने वाले विद्यार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वह एकाग्र हों और व्यक्तित्व के विकास के लिए विभिन्न गतिविधियों में शामिल हों। अनुशासन का भी बच्चों के जीवन में बहुत बड़ा हाथ होता है। अगर वे अनुशासन को अपने जीवन और नैतिकता को व्यवहार में उतार लेंगे, तो उन्हें जीवन में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

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