Hindi, asked by anubhavs1625, 5 months ago

bacche pratyasha mein honge nido se jaag Rahe honge yah dhyan per hun main chidiya ke bharta kitni chalta hai Hi din jaldi jaldi dhalta hai bhav sundarya
shilp saundray​

Answers

Answered by anshikaa6122
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Answer:

Soory l don't know

Please write in hindi

Answered by bhatiamona
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बच्चे प्रत्याशा में होंगे,  नीड़ों से झाँक रहे होंगे--

यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है !

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है ! सौंदर्य एवं शिल्प

प्रस्तुत पंक्तियां एक गीत कविता से ली गई है| यह कविता हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखी गई है| कविता में कवि पक्षियों के जीवन के जीवन का वर्णन किया है| जो पक्षी सुबह होते ही अपने बच्चों को घोंसले में छोड़कर दाना-पानी जुटाने की चिन्ता में वन-प्रदेश में घूमते है और संध्याकाल होते ही अपने घोंसलों में वापिस आते है|

               कवि कहते है कि बच्चे घोंसलों में प्रतीक्षा कर रहे होगें| वह घोंसलों से बहार झांक-झांक कर देख रहे होगें की खाना लेकर कोई आएगा| यह सब सोच कर चिड़ियाँ अपने पंखो में तेजी करती है| जल्दी से घर पहुंचे की कोशिश करती है , वह सोचती है कि देरी के कारण दिन ढल ना जाएँ | रास्ते में कहीं रात न हो जाए|

पक्षियों के ममता भाव और उनकी व्याकुलता का मार्मिक का वर्णन किया गया है|

जल्दी-जल्दी में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है|

भाषा सरल और भावानुकूल है|

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