Bachpan ki shararat ke upar paragraph
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bachpan me hame kisi cheez ka jyada pressure nai hota hum bachlan me jo man me aaye wo karte hai or hamare bade log use bachpana mankar chod dete hai bachpan me hum sochte ha ki kaash hum jaldi se bade ho jaye lekin bade hokr jab itni pareshaaniyaan aati ha tab sichte ha ki kaash hum chote hi hote bachpan me hame paiso kw mahtav nai pata hota isliye hum bahut kharcha karte hai lekin jab bade hokr paise kamane padte ha tabhi pata chalti h paise ki kimat or jab hum sochte ha ki hamare parents ne kitni mushkil se paise kamaye the or hamne kharch kar diye
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नमस्कार दोस्त,
जब हम बच्चे होते हैं हमें किसी भी चीजों का ज्ञान नहीं होता है। हमें शैतानियाँ करना बहुत अच्छा लगता है। बचपन में जिंदगी हमारे लिए सिर्फ एक खिलौना होती है। हमारे मन में बहुत सवाल होते हैं और उन्हें जानने की बहुत जिज्ञासा होती है। हमें फूलों की तरह महकना बहुत अच्छा लगता है।
धन्यवाद
आशा है इससे आपकी मदद होगी।
जब हम बच्चे होते हैं हमें किसी भी चीजों का ज्ञान नहीं होता है। हमें शैतानियाँ करना बहुत अच्छा लगता है। बचपन में जिंदगी हमारे लिए सिर्फ एक खिलौना होती है। हमारे मन में बहुत सवाल होते हैं और उन्हें जानने की बहुत जिज्ञासा होती है। हमें फूलों की तरह महकना बहुत अच्छा लगता है।
धन्यवाद
आशा है इससे आपकी मदद होगी।
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