badda hua To kya hua jaise pedd kajhoor panchi ko chaya nahi phal laage ati door doha (give me prasang of this Doha)
Answers
Answered by
10
HI MATE UR ANSWER IS.....
कबीर का दोहा
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर |
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर ||
खजूर के पेड़ के भाँति बड़े होने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि इससे न तो यात्रियों को छाया मिलती है, न इसके फल आसानी से तोड़े जा सकते हैं | आर्थात बड़प्पन के प्रदर्शन मात्र से किसी का लाभ नहीं होता |
HOPE IT HELPS YOU ⭐⭐⭐⭐⭐⭐
कबीर का दोहा
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर |
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर ||
खजूर के पेड़ के भाँति बड़े होने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि इससे न तो यात्रियों को छाया मिलती है, न इसके फल आसानी से तोड़े जा सकते हैं | आर्थात बड़प्पन के प्रदर्शन मात्र से किसी का लाभ नहीं होता |
HOPE IT HELPS YOU ⭐⭐⭐⭐⭐⭐
Answered by
3
" बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर |
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर || "
प्रसंग :- प्रस्तुत पंक्तियां ' कबीर के दोहे ' से
अवतरित है । जो कबीर द्वारा रचित है । इन
पंक्तियों में कबीर दास ने मनुष्य जीवन के
मूल्य , आचरण और व्यहवार के विषय में
सीख दिया है ।
❗ महत्वपूर्ण बातें ❗
• किसी भी दोहे , कविता या पंक्तियों के प्रसंग
में उनके रचनाकार और वह किस पाठ से
अवतरित है यह बताया जाता है । साथ ही इस
दोहे में क्या बताया जा रहा है , इसका भी
उल्लेख कम शब्दों में किया जाता है ।
Similar questions