Hindi, asked by mohdsohail6301886580, 5 months ago

bahubrihi samas explaination​

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Answered by bhanubahskar
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जिस समास में कोई पद प्रधान न होकर (दिए गए पदों में) किसी अन्य पद की प्रधानता होती है। यह अपने पदों से भिन्न किसी विशेष संज्ञा का विशेषण है।

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Answered by LittleButterfly
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बहुव्रीहि समास की परिभाषा

  • जिस समास में कोई पद प्रधान न होकर (दिए गए पदों में) किसी अन्य पद की प्रधानता होती है। यह अपने पदों से भिन्न किसी विशेष संज्ञा का विशेषण है।

यह समास भी चार प्रकार का होता है-

  • समानाधिकरण बहुव्रीहि : इसमें जिन पदों का समास होता है, वे साधारणतः कर्ताकारक होते हैं; किन्तु समस्तपद द्वारा जो अन्य उक्त होता है, वह कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण आदि विभक्ति रूपों में भी उक्त हो सकता है।
  • व्यधिकरण बहुव्रीहि : इसमें भी पहला पद कर्ताकारक का और दूसरा पद संबंध या अधिकरण कारक का होता है।
  • तुल्ययोग या सह बहुव्रीहि : जिसका पहला पद सह (साथ) हो; लेकिन ‘सह’ के स्थान पर ‘स’ हो।
  • व्यतिहार बहुव्रीहि : जिससे घात-प्रतिघात सूचित हो।

@LittleButterfly ~~~~~~

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