Hindi, asked by annuaggarwal2071996, 8 months ago

Bajar Darshan Lake Asar batate Hue usko deshon ko spasht kijiye ​

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Answered by anshikasahu200716
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Answer:

बाजार दर्शन पाठ (जैनेन्द्र कुमार) द्वारा लिखा गया है | इस पाठ में लेखन ने बाजार की आवश्कता और उप-योगिता कर वर्णन किया है|

लेखक पाठ में अपने मित्र की बात बताता है की उसका मित्र बाज़ार में एक सामान लेने जाता है लेकिन लेकर बहुत कुछ आ जाता है| बाज़ार हमें आकर्षित करता है हमें जो चीज़े नहीं लेनी वह भी ले लेते है|

लेखक अपने दूसरे मित्र की बात बताते है कि वह बाज़ार जाता है और खाली हाथ वह वापिस आ जाता है | उसे समझ नहीं आता की कोन सी चीज़ खरीदूं और रहने दूँ | अपनी चाह का पता न हो तो ऐसे ही होता है कि क्या सामान खरीदें |

यदि हम अपनी आवश्यकताओं को ठीक-ठीक समझकर बाजार का उपयोग करें तो उसका लाभ उठा सकते हैं।

इसके विपरीत, बाजार की चमक-दमक में फेंसने के बाद हम असंतोष, तृष्णा और ईष्या से घायल होकर सदा के लिए बेकार हो सकते हैं। फालतू चीज की खरीद का प्रमुख कारण बाजार का आकर्षण है। बाजार में रूप का जादू है। बाज़ार का असर हमें हमेशा होता है चाहे  जेब खाली हो या भरी हो | बाज़ार हमारे मन को भटकता है|

बाजार एक ऐसी संस्था है जिसका उद्देश्य उपभोक्ता की आवश्यकता की पूर्ति करना है| हमें बाज़ार में जा कर अपने उपर  नियन्त्रण करना चाहिए  | बाज़ार में अपने जेब से बढकर फलयु खर्चा नहीं करना चाहिए| फालतू की चीजों को लेकर हमें अपने को लोभ और इर्षा के प्रति ननहीं लुभाना चाहिए|

बाज़ार के उद्देश्य को समझना चाहिए और अपनी आवश्कताओं को पूरा करना चाहिए|

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