Balkrishna Bhatt ki Rachna batchit kya hai Balkrishna Bhatt ki Rachna batchit kya hai
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Learning experience refers to any interaction, course, program, or other experience in which learning takes place, whether it occurs in traditional academic settings (schools, classrooms) or nontraditional settings (outside-of-school locations, outdoor environments), or whether it includes traditional educational .
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बातचीत
बालकृष्ण भट्ट
इसे तो सभी स्वीकार करेंगे कि अनेक प्रकार की शक्तियाँ जो वरदान की भाँति ईश्वर ने मनुष्यों को दी हैं, उनमें वाक्शक्ति भी एक है। यदि मनुष्य की और-और इंद्रियाँ अपनी-अपनी शक्तियों से अविकल रहतीं और वाक्शक्ति उनमें न होती तो हम नहीं जानते इस गूँगी सृष्टि का क्या हाल होता। सब लोग लुंज-पुंज से हो मानो एक कोने में बैठा दिये गये होते और जो कुछ सुख-दु:ख का अनुभव हम अपनी दूसरी-दूसरी इंद्रियों के द्वारा करते उसे अवाक् होने के कारण आपस में एक दूसरों से कुछ न कह सुन सकते। अब इस वाक्शक्ति से अनेक फायदों में 'स्पीच' वक्तृता और बातचीत दोनों हैं किंतु स्पीच से बातचीत का कुछ ढंग ही निराला है। बातचीत में वक्ता को नाज-नखरा जाहिर करने का मौका नहीं दिया जाता कि वह एक बड़े अंदाज से गिन-गिनकर पाँव रखता हुआ पुलपिट पर जा खड़ा हो और पुण्याहवाचन या नांदीपाठ की भाँति घड़ियों तक साहबान मजलिस, चेयरमैन, लेडीज एंड जेंटिलमेन की बहुत सी स्तुति कर कराय तब किसी तरह वक्तृता का आरंभ किया गया जहाँ कोई मर्म या नोंक की कोई नुकीली चुटीली बात बड़ा वक्ता महाशय के मुख से निकली कि करतल-ध्वनि से कमरा गूँज उठा। इसलिए वक्ता को खामखाह ढूँढ़ कर कोई ऐसा मौका अपनी वक्तृता में लाना ही पड़ता है जिसमें करतल-ध्वनि अवश्य हो। वह हमारी साधारण बातचीत का कुछ ऐसा घरेलू ढंग है कि उसमें न करतलध्वनि को कोई मौका है न लोगों को कहकहे उड़ाने की कोई बात उसमें रहती है। हम तुम दो आदमी प्रेम पूर्वक संलाप कर रहे हैं कोई चुटीली बात आ गई हँस पड़े तो मुस्कराहट से होंठों का केवल फरक उठना ही इस हँसी की अंतिम सीमा है। स्पीच का उद्देश्य अपने सुनने वालों के मन में जोश और उत्साह पैदा कर देना है। घरेलू बातचीत मन रमाने का एक ढंग है इसमें स्पीच की वह सब संजीदगी बेकदर हो धक्के खाती फिरती है।
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