बच्चों के काम पर जाने की स्थिति देश और समाज के लिए भयानक कैसे हैं इसके क्या क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं
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जब किसी परिवार में, आर्थिक दिक्कत (या तंगी) होती है तब ही उस परिवार के बच्चों को काम पर जाना पड़ता है।
यह निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है--
1) परिवार में किसी भी कमाने वाले व्यक्ति का ना होना।
2) परिवार की कुल वर्तमान आय से सभी लोगों का भरण पोषण न हो पाना।
3) परिवार की कुल आय का एक बड़ा हिस्सा किसी साहूकार के यहां उधार चुकाने में चला जाना।
इसके दुष्परिणाम निम्नलिखित हो सकते हैं--
1) जो बच्चे आगे चल कर देश के भावी युवा वर्ग बनेंगे उनका बचपन बाल मज़दूरी में ही बीत जाता है और वो कभी स्वयं को उस मज़दूरी वाले काम से निकाल ही नहीं पाते।
2) जिस युवा को देश की प्रगति में सहायक होना चाहिए वो स्वयं को ही भूल जाता है और अपना पूरा जीवन ही उसी काम को करते हुए बीत देता है।
3) बचपन में अभावों के कारण उसकी शिक्षा भी प्रभवित होती है और उसे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है।परिणामतः देश की साक्षरता दर में भी गिरावट आती है।
4) साथ ही साथ समाज में अज्ञानता के कारण विभिन्न कुरीतियां भी पनपने लगती है और उसके कारण देश विकास पथ से हट कर पिछड़ने लगता है।