Hindi, asked by pk9953217288, 1 month ago

बच्चों की ऑन मानसिक और भावनात्मक जरूरतों पर चर्चा कीजिए जिनके कारण व टेलीविजन के विज्ञापन की तरफ आकर्षित होते हैं 1000 word​

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Answered by davkumar3149
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Answer:

जब बच्चा माँ के पेट में पल रहा होता है तो अपना भोजन माँ के शरीर से पाता है

माँ के लिए जरूरी है की वह सेहत ठीक रखने वाली पौष्टिक आहार ले, नहीं तो बीमार बच्चा पैदा होगा जिसका वजन भी कम होगा।

हमारी सामाजिक रीतियाँ इतनी बुरी है की महिलाओं, की शोरियों ओर लड़की यों को सही भोजन नहीं मिलता है, इसलिए हमारे बच्चे-लड़के-लड़की यां और बीमार रहते हैं।

अच्छे भोजन की कमी से की शोरियों और महिलाओं में खून की कमी रहती है

जरूरी है की लड़का-लड़की में भेद भाव न रखा जाय सबको बराबर ढंग से पौष्टिक भोजन मिले ताकी परिवार के सभी लोग स्वस्थ्य रहें।

गर्भावस्था में तो महिलाएं सही भोजन मिलना चाहिए ताकी वह स्वस्थ्य बच्चा पैदा कर सके।

बच्चे का जन्म के तुरत बाद स्तनपान कराना चाहिए। माँ के स्तनों में खूब दूध आए इसके लिए जरूरी है की माँ का भोजन सही हो

बच्चे का स्वस्थ्य माँ के भोजन पर ही टिका रहता है।

(ख) लाड-दुलार

अगर परिवार के सभी लोग और आस-पडोस के लोग अगरविकास की गति जन्म लेने के बाद शरू हो जाती है

उम्र के अनुसार ही शरीर और दिमाग का विकास होता है

बच्चे के विकास की शुरुआत तो माँ के पेट से होने लगता है, गर्भ टिकने के बाद शुरू के तीन महीनों में बच्चे का तेजी से विकास होता है।

जन्म से लेकर तीन साल तक बच्चे का विकास होता है

बच्चे के विकास पर ध्यान देने के लिए जरूरी है की हर महीने उसका वजन लिया जाय ।

वजन अगर बढ़ रहा है तो ठीक है अगर नहीं तो उसके खान-पान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी।

विकास की गति का अपना ढंग है।बच्चों की उन मानसिक और भावनात्मक जरुरतों पर चर्चा करिए जिनके कारण वे टेलिवीजन के

विज्ञापनों की तरफ आकर्षित होते हैं।अभ्यास का महत्व : अभ्यास का अर्थ है - एक ही प्रक्रिया को बार-बार, निरंतर दोहराना और तब तक दोहराना जब तक कि आप अपनी त्रूटियो को दुर न कर ले और उस प्रक्रिया मे सफल न हो जाये। ... जो अपने जीवन में अत्यधिक अभ्यास करता है उसका जीवन अपने आप ही सफल हो जाता है।

Answered by kritikagarg6119
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विज्ञापन और बच्चों के बारे में

बच्चे कई रूपों में विज्ञापन का अनुभव करते हैं - टीवी, यूट्यूब, ऐप्स, रेडियो, होर्डिंग, पत्रिकाएं, फिल्में, इंटरनेट, ऑनलाइन गेम, टेक्स्ट संदेश, सोशल मीडिया और बहुत कुछ।

और विज्ञापन बच्चों पर काम करता है। उदाहरण के लिए, बच्चा जितना अधिक टीवी देखता है, उतने ही अधिक खिलौने वह चाहता है और मांगता है।

यही कारण है कि बच्चों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि विज्ञापन आपसे कुछ खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। विज्ञापन आपके सोचने के तरीके को प्रभावित करने या किसी चीज़ के बारे में आपका मन बदलने की कोशिश कर रहे हैं। और विज्ञापनदाता हमेशा अपने उत्पादों को वास्तव में बेहतर दिखाने का लक्ष्य रखते हैं।

छोटे बच्चे और विज्ञापन

0-2 साल के बच्चे विज्ञापन और टीवी कार्यक्रमों, यूट्यूब वीडियो आदि के बीच अंतर नहीं बता सकते हैं।

और 3-6 साल की उम्र में, बच्चे:

विज्ञापनों की पहचान कर सकते हैं और विज्ञापनों और टीवी कार्यक्रमों या YouTube वीडियो के बीच अंतर बता सकते हैं

हो सकता है कि मनोरंजन और YouTube पर कुछ विज्ञापनों के बीच अंतर न बता पाएं - उदाहरण के लिए, अनबॉक्सिंग वीडियो जो खेल को खिलौनों के प्रचार के साथ जोड़ते हैं

शायद यह न समझें कि विज्ञापन कुछ बेचने की कोशिश कर रहे हैं

विज्ञापनों को मनोरंजक या मददगार घोषणाएं मानने की प्रवृत्ति रखते हैं

आमतौर पर विज्ञापनदाताओं द्वारा किए जाने वाले दावों की आलोचना नहीं करेंगे।

आप निम्न की मात्रा को सीमित करके अपने छोटे बच्चे पर विज्ञापन के प्रभाव को सीमित कर सकते हैं:

वाणिज्यिक टीवी या YouTube वे देखते हैं

समय वे इंटरनेट का उपयोग करने या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर गेम खेलने में बिताते हैं।

#SPJ2

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