Math, asked by ramakantpaswan019, 5 hours ago

बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।​

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Answered by ziddigirl789
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बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।

बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।

बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।

बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।

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Answered by Debrajgamer2
6

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द्रौपदी ने भीम के समक्ष क्या इच्छा व्यक्त की ?

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