बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।
Answers
Answer:
बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।
बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।
बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।
बच्चों को संख्याक तभी सिखाने चाहिए जब उन्हें चीजें गिनने का काफी अनुभव हो जाय क्योंकि गणित की अवधारणाएं अमूर्त होती है । बच्चों को मूर्त चीजों से जोड़ कर बच्चों को गिनती सिखाने की जरूरत होती है इसके बाद ही उस मूर्त वस्तुओं को भाषा से जोड़ कर उसे संख्याक सीखाना चाहिए ।
#$@nđhů
Answer:
द्रौपदी ने भीम के समक्ष क्या इच्छा व्यक्त की ?