beeta hua afsar haath nahi aata...essay writing
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यदि चली गई कोई वस्तु किसी भी मूल्य पर और किसी भी उपाय से वापिस या दुबारा नहीं पाई जा सकती तो उसका नाम है – गया वक्त अर्थात बीता हुआ समय जो कि पल-छिन, एक-एक सैकिण्ड, मिनट और साँस के बहाने से लगातार बीत ही रहा है ।
मजा यह है कि इसे इस प्रकार जाने या बीतने से छोटा-बड़ा व्यक्ति कोई चाहकर, प्रयत्न कर या अपना सर्वस्व लुटाकर भी रोक नहीं सकता । सचमुच कितना असमर्थ है प्राणी, डस निरन्तर बीते जा रहे वक्त के सामने ।वक्त या समय को इसी कारण अमूल्य धन कहा गया है कि वह एक बार जाकर वापिस नहीं आया करता । इसी कारण इस धन को व्यर्थ न गंवाने, इसके हर पल, क्षण को संभाल कर रखने की बात कही जाती है । समय का सदुपयोग करने का उपदेश और प्रेरणा दिए जाते हैं ।
जो इस बात को ध्यान नहीं रख पाते अर्थात समय रूपा धन का सदुपयोग नहीं रख पाते, अर्थात समय रूपी धन का सदुपयोग नहीं कर पाते, सिवा हाथ मल-मलकर पकाने के अलावा उनके पास कुछ नहीं रह जाता । समय का हर प्रकार से सदुपयोग करके हा मनुष्य उस तरह की स्थिति आने से बचा रह सकता है ।
अकसर फेल हो जाने वाले विद्यार्थियों को कहते सुना देखा जाता है कि काश ! सर ने जिस दिन यह प्रश्न समझाया था, उस दिन मैंने स्कूल से गैप न मारा होता, तो मेरी फर्स्ट डिवीजन आ सकती थी या मैं पास तो अवश्य होगया होता । लेकिन बाद में ऐसा सोचने कहने से कुछ नहीं हुआ करता ।
अकसर कहा जाता है कि रेल की सीट रिजर्व भी है, तभी घर से कुछ समय पहले ही चल पड़ना उचित हुआ करता है । हो सकता है कि कहीं रास्ता ही जाम हो या किसी अन्य कारण से ही रास्ता रूक रहा हो । पहले चलने वाला आशा कर सकता है कि वह रेल छूटने से पहले स्टेशन पहुँच जाएगा ।
परन्तु जो चला ही ठीक समय पर हो, उसकी राह में यदि कहीं किसी प्रकार की बाधा आ जाए तब उसके लिए समय पर पहुँचना संभव नहीं हो पाएगा । ऐसे लोगों को अकसर एकाध मिनट की देरी के कारण भी हाथ में अटैची थामे प्लेटफार्म छोड़कर गति पकड़ रही रेल के पीछे भागते हुए देखा जा सकता है ।
Answer:
1. भूमिका:
संसार में यदि सब से कीमती (Costliest) और मूल्यवान कोई (Valueable) वस्तु है तो वह है समय । कहते हैं कि बीता समय कभी वापस नहीं आता । अंग्रेजी में कहावत (Proverb) है- Time once gone can never be regained . जो व्यक्ति समय का उचित उपयोग (Use) करना सीख लेता है, वह ससार में सदा सुखी रहता है ।
2. उदाहरण:
विद्वानों (Scholars) का कहना है कि हर कार्य हमें समय पर करना चाहिए । हिन्दी साहित्य के महान संत कबीर दास जी का कहना है:
”काल्ह करै सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होयगा, बहुरि करेगा कब ।।”
अर्थात् कल का कार्य हमें आज ही और आज का कार्य हमें अभी कर लेना चाहिए क्योंकि हाथ से गया अवसर (Opportunity) कभी वापस नहीं आता । यह कहावत (Proverb) भी प्रचलित है कि पलभर का चूका आदमी कोसों पिछड़ जाया करता है और उचित पल को पहचान कर चलने वाला व्यक्ति अपनी मंजिल (Destination) अपने समय पर पा लेता है ।
इस संदर्भ में (In this Context) कछुए और खरगोश (The Hare and Tortoise) की कहानी भला कौन नहीं जानता ? इस संसार में आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं, उन सबने समय के इस मूल्य को जान लिया था ।
3. लाभ और उपसंहार:
समय के मूल्य को पहचान लेने वाला व्यक्ति ही संसार में समय पर सफल (Successful) होता है । यही नहीं, ऐसा व्यक्ति ही संसार के सभी प्रकार के सुख-आनन्द का अधिकारी होता है और अपने शरीर की मृत्यु के बाद भी दुनिया में अमर रहता है ।
संत-महात्माओं और संसार के जितने महान व्यक्तियों के नाम युगों के बाद (After ages) भी हम याद करते हैं, वे स भी समय का मूल्य पहचानते थे । उन्होंने हर कार्य समय पर करने के लिए हमेशा दूसरों को भी प्रेरणा (Inspiration) दी ।
यदि आज हम एक-एक क्षण का उपयोग अनावश्यक (Unnecessary) बातों में न लगाकर जरूरी और उपयोगी कार्यों में लगाएँ तो हमारा जीवन और देश दोनों सदा सुखी रहेंगे । किसी ने सत्य ही कहा है – ‘समय सोने से भी अधिक मूल्यवान है’ (Time is more valueable than gold)