Hindi, asked by ramyasri8584, 11 months ago

Behtar Jivan tail Sanrakshan AVN Paryavaran par 700 word ka nibandh Hindi me

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Answered by manny3
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Answer:

सब प्राकृतिक पदार्थों का प्रभाव मानव के भोजन, वस्त्र, मकान, पेय जल तथा व्यवसायों आदि पर पड़ता है। यही नहीं, शास्त्रों व स्वास्थ्य-विज्ञान के अनुसार, मानव के शरीर की रचना भी इन्हीं पाँच तत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व वनस्पति) से मिलकर हुई है। इन पाँच प्राकृतिक तत्वों के बल पर ही हम जीते हैं और जब हम मरते हैं तो हमारा यह शरीर भी इन्हीं पाँचों तत्वों में विलीन हो जाता है। क्योंकि मरने पर यदि यह शरीर कब्र में दफन होता है तो पृथ्वी से मिल जाता है और दाह-संस्कार होने पर पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व वनस्पति तत्वों में विलीन हो जाता है।

पर्यावरण के इन तत्वों के कारण अथवा सन्तुलित पर्यावरण के कारण ही पृथ्वी एक जीवित ग्रह है और पर्यावरण के इन तत्वों के अभाव में अथवा असन्तुलन के कारण ही चन्द्रमा पर जीवन नहीं है।

जिस पृथ्वी पर हम निवास करते हैं, सम्पूर्ण सौर जगत में उसे ही यह सौभाग्य प्राप्त है कि पर्यावरण के सभी तत्वों की विद्यमानता के कारण यहाँ जीवन है, अन्यथा सौर जगत में अन्य ग्रहों पर जीवन के प्रमाण अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। पर्यावरण के ये सभी तत्व एक-दूसरे पर प्रभाव डालते हैं और विकसित होते रहते हैं। सभी जीव जन्तु भी इसी “पर्यावरण” के अंग हैं और मानव तो इस पर्यावरण की सर्वश्रेष्ठ रचना है।

हम जीते हैं तो इन्हीं पाँच तत्वों (प्राकृतिक पदार्थों) से हमारा पोषण होता है और हमारी सारी आवश्यकताएँ भी इन्हीं के माध्यम से पूरी होती हैं। स्पष्ट है कि पर्यावरण के इन प्राकृतिक अंगो का मानव के जीवन में भारी महत्व है।

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