India Languages, asked by Anikakapoor3586, 1 year ago

Bekari ki sasmya par essay in hindi

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Answered by SahilParmarRajput
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बेरोजगारी देश के सम्मुख एक प्रमुख समस्या है जो प्रगति के मार्ग को तेजी से अवरुद्‌ध करती है । यहाँ पर बेरोजगार युवक-युवतियों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है । स्वतंत्रता के पचास वर्षों बाद भी सभी को रोजगार देने के अपने लक्ष्य से हम मीलों दूर हैं ।
बेरोजगारी की बढ़ती समस्या निरंतर हमारी प्रगति, शांति और स्थिरता के लिए चुनौती बन रही है । हमारे देश में बेरोजगारी के अनेक कारण हैं । अशिक्षित बेरोजगार के साथ शिक्षित बेरोजगारों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है । देश के 90% किसान अपूर्ण या अर्द्ध बेरोजगार हैं जिनके लिए वर्ष भर कार्य नहीं होता है । वे केवल फसलों के समय ही व्यस्त रहते हैं ।
शेष समय में उनके करने के लिए खास कार्य नहीं होता है । यदि हम बेरोजगारी के कारणों का अवलोकन करें तो हम पाएँगे कि इसका सबसे बड़ा कारण देश की निरंतर बढ़ती जनसंख्या है । हमारे संसाधनों की तुलना में जनसंख्या वृद्‌धि की गति कहीं अधिक है जिसके फलस्वरूप देश का संतुलन बिगड़ता जा रहा है ।
इसका दूसरा प्रमुख कारण हमारी शिक्षा-व्यवस्था है । वर्षो से हमारी शिक्षा पद्‌धति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है । हमारी वर्तमान शिक्षा पद्‌धति का आधार प्रायोगिक नहीं है । यही कारण है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् भी हमें नौकरी नहीं मिल पाती है ।
बेरोजगारी का तीसरा प्रमुख कारण हमारे लघु उद्‌योगों का नष्ट होना अथवा उनकी महत्ता का कम होना है । इसके फलस्वरूप देश के लाखों लोग अपने पैतृक व्यवसाय से विमुख होकर रोजगार की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं ।
Answered by madhu316
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Answer:

बेकारी की समस्या।

Explanation:

भूख पाप का मुख्य कारण है । भूख में व्यक्ति को अच्छे बुरे का कर्तव्य - अकर्तव्य का ज्ञान नहीं रहता । भूख का प्रधान कारण बेरोजगारी है। भारत में अनेक समस्याओं में बेकारी सबसे भयंकर समस्या है। बेकारी प्रकार तीन प्रकार के होते हैं एक-शिक्षित तथा प्रशिक्षित वर्ग की बेकारी। दूसरी- अशिक्षित तथा अशिक्षित वर्ग की बेकारी तीसरी मोसमी बेकारी बेरोजगारी बेकारी जुड़ी है। जनसंख्या से वैज्ञानिक उन्नति से और दूषित शिक्षा प्रणाली जिसमें हाथ के काम को हेय दृष्टि से देखासे देखा जाता है। आज बेकारी की समस्या एक जटिल समस्या बन गई है ।अतः शिक्षा को रोजगार से जुड़ना आवश्यक है। व्यवहारिक शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी, जनसंख्या निबंध नियंत्रण में आवश्यक है , लघु उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। उस मानव वृत्ति को बदलना होगा जो हाथ के काम को है दृष्टि से देखती है सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा।

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