Hindi, asked by harshitb99, 1 year ago

Beti bachao bet I padhao

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Answered by manishkumar5819
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ की शुरूआत करेंगे जिसका उद्देश्य बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) में सुधार लाना है। सीएसआर में कमी जटिल और बहु-आयामी मुद्दा है तथा इस योजना के तहत बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा के व्यापक दायरे के अंदर इस मुद्दे के हल पर जोर दिया जाएगा। महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार इस योजना के तहत एक बहु-क्षेत्रीय रणनीति स्वीकार की जाएगी जो लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान, सुरक्षा और उन्हें पूरा किए जाने के मुख्य सिद्धांतों से संचालित होगी। इसमें लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने पर भी जोर दिया जाएगा। इस योजना की मुख्य रणनीतियों में सामाजिक लामबंदी को बढ़ावा देना और संवाद अभियान शामिल हैं ताकि सामाजिक मानदंडों में बदलाव लाया जा सके और बालिकाओं के लिए समान महत्व पैदा किया जा सके। इसके साथ ही सीएसआर में सुधार को सुशासन के लिए प्रमुख विकास संकेतक के तौर पर शामिल किया जा सके। इसमें काफी कम सीएसआर वाले जिलों और शहरों में त्वरित प्रभाव पर जोर दिया जाएगा। यह योजना सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के चुने गए 100 जिलों में एक राष्ट्रीय अभियान के जरिए कार्यान्वित की जाएगी। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त पहल है।  प्रधानमंत्री हरियाणा के पानीपत में इस योजना की शुरूआत करेंगे।
Answered by ashlee
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हमारा देस और समाज काफी प्रगति कर गया है और आगे कर भी रहा है लेकिन अभी भी स्त्रियो को जितना सम्मान मिलना चाहिए उतना नही मिलता है|मेरा ऐसा मानना है की यदि आप अपने बच्चो को सही से पढाते लिखाते है उन्हें देस दुनिया का सही से परिचय कराते हैं उनकी समस्याओ को समझ करके उसका समाधान करते है तो और बेटी को संकुचित द्रिस्टीसे नही देखते है तो आप को अपनी जिन्दगी में कभी भी ऐसा नही लगेगा की हमारा कोई बेटा नही है बल्कि बेटा और बेटी में आप को अन्तर दिखेगा ही नही साथ ही आपका नाम भी रोशन होगा और इस देस का भी| बेटी है ईश्वर की मांद , बचाओ बेटी बचाओ संसार

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