‘भृगुसुत’ से तात्पर्य है
(क) परशुराम
(ख) विश्वामित्र
(ग) लक्ष्मण
(घ) राम।
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सही उत्तर है...
➲ (क) परशुराम
व्याख्या ⦂
✎... राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद में ‘भृगुसुत‘ का अर्थ परशुराम है।
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।
भृगुसुत समुझि जनेउ बिलोकी। जो कछु कहहु सहौं रिस रोक।।
अर्थात लक्ष्मण परशुराम से कहते हैं, कि आप मुझे अपनी कुल्हाड़ी दिखाकर डराने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने आप का सम्मान करते हुए और आपको भृगु सुत यानि ब्राह्मण देवता मानते हुए पलट कर जवाब नहीं दिया। मैंने तो आपकी वेशभूषा और जनेऊ देखकर सम्मान किया।
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