Hindi, asked by sanuradha228, 5 months ago

भाग्य और कर्म एक दूसरे के पूरक है जिसकी से वाक्य के प्रकार बताइए​

Answers

Answered by debnathsubhangi923
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Explanation:

अवधराम ने कहा कि मनुष्य को अपने पौरुष पर विश्वास कर कर्म करते हुए जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सचेष्ट रहना चाहिए। ... रही बात फल की तो जितना भाग्य में है, वह मिलेगा। इस प्रकार से भाग्य व कर्म एक दूसरे के पूरक है। hope it's helpful for you and everyone ♥️♥️♥️♥️♥️

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