'भाग्य और पुरुषार्थ' विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार 150 शब्दों में लिखो।
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अत: हम लोगों को भाग्य के सहारे न बैठ कर के पुरुषार्थ करना चाहिए। क्योंकि बिना पुरुषार्थ के कुछ भी संभव नहीं है। आज जितना भी विकास हुआ है भाग्य के सारे नहीं हुआ है, बल्कि परिश्रम के बल पर हुआ है। जो व्यक्ति निरंतर परिश्रम करता है, वह अपने जीवन में कभी दुखी नहीं होता और अपनी इच्छित वस्तुओं को प्राप्त कर लेता है
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