भाग्य पर झटलाऊ से क्या तात्पर्य है
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लोग लोग अपने कर्म से ज्यादा भाग्य पर भरोसा करते हैं। हाथों में भाग्य रेखाएं होती हैं, उसी तरह कुंडली में नौवां स्थान भाग्य का माना गया है। हालांकि कर्म और भाग्य दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। कर्म के सिद्धांत को समझे बगैर आप भाग्य को नहीं समझ सकते हैं। यदि किसी से यह कहा जाए कि भाग्य जैसा कुछ नहीं होता तो वह ऐसे कई उदाहरण बता देगा जिसमें भाग्य का रोल रहा है, जैसे किसी की लॉटरी खुल जाना, अचानक किसी का मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बन जाना, आसमान से गिरने के बाद में भी सही-सलामत बच जाना आदि। लोगों के भाग्य के बारे में आप बात तो कर लेते हैं लेकिन यदि आपका भाग्य सोया हुआ है और हर पल पर संकट है तो भाग्य जगाने का एक ऐसा मंत्र और टोटका इस वीडियो में विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक एवं ज्योतिष, वास्तु, तंत्र गुरु डॉ मनीष साईं जी बता रहे जरूर देख|