Hindi, asked by yasminsorathiya, 10 months ago

भिक्षुक कविता के केन्द्र भाव​

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Answered by adarshyadava2005
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Answer:

bhikari khush rahta hai hamesha kam chiz hone ke bawzud

Answered by Anonymous
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भिक्षुक कविता में कवि ने एक भिक्षुक के अत्यंत मार्मिक स्थिति का चित्रण किया है। वे एक भिक्षुक की दीन - दशा को देखकर अत्यंत दुखी हैं एवं क्रोधित भी हैं कि एक भिक्षुक को भुखमरी के कारण दूसरों से अपमान, दुख एवं उपेक्षा सहन करनी पड़ती है। भिक्षुक की दीनता को देखकर कवी उनके प्रति सहानुभूति प्रकट करते हैं। कवि चाहते हैं कि लोगों के मन में दयनीय एवं भुखमरी भिक्षुक के प्रति करुणा का भाव जगे ताकि वे उन कमजोर भिक्षुको की मदद कर सके।

भिक्षुक कविता में कवि ने एक भिक्षुक के अत्यंत मार्मिक स्थिति का चित्रण किया है। वे एक भिक्षुक की दीन - दशा को देखकर अत्यंत दुखी हैं एवं क्रोधित भी हैं कि एक भिक्षुक को भुखमरी के कारण दूसरों से अपमान, दुख एवं उपेक्षा सहन करनी पड़ती है। भिक्षुक की दीनता को देखकर कवी उनके प्रति सहानुभूति प्रकट करते हैं। कवि चाहते हैं कि लोगों के मन में दयनीय एवं भुखमरी भिक्षुक के प्रति करुणा का भाव जगे ताकि वे उन कमजोर भिक्षुको की मदद कर सके।hope it helps you....

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