CBSE BOARD X, asked by subarnapanging, 10 months ago

भूख से मरते बेकार लोगों का परमेश्वर तो कोई काम और उससे मिलने वाली रोटी ही
है । उनके लिए परमेश्वर का यही एकमात्र स्वीकार्य रूप हो सकता है । ईश्वर ने मानव की
सृष्टि काम करके अपना भोजन जुटाने के लिए की । जो काम नहीं करते वे एक प्रकार के चोर
हैं । भारत में आज भी अनेक लोगों को लाचारीवश ही सही, आधे साल तक चोरों का सा
जीवन बिताना पड़ता है । फिर क्या आश्चर्य यदि भारत आज एक विशाल कारागार बन गया
है ? भूख ही वह कारण है जो भारत को चरखे की ओर लिए जा रहा है । चरखे की पुकार
सबसे उदात्त, सबसे मीठी है । कारण, यह प्रेम की पुकार है । और प्रेम ही स्वराज है । अगर
हमारे करोड़ों देशवासियों को अपने बेकार समय का उपयोग करना नहीं आता तो उनके लिए
स्वराज का कोई मतलब नहीं है । इस स्वराज को थोड़े समय में प्राप्त करना संभव है और
इसका एकमात्र उपाय यह है कि हम फिर से चरखे की शरण में जाएँ।
मैं विकास चाहता हूँ, आत्म-निर्णय का अधिकार चाहता हूँ, स्वतंत्रता भी चाहता हूँ,
लेकिन सब-कुछ आत्मा की ख़ातिर चाहता हूँ । मुझे तो इसमें शक है कि मानव लौह-युग में
प्रस्तर युग से सचमुच आगे बढ़ा है । मैं इस ओर से उदासीन हूँ। हमें अपनी बौद्धिक शक्ति
और अन्य सभी शक्तियों का उपयोग आत्मा के विकास के लिए करना है । आधुनिक
ज्ञान-विज्ञान से सम्पन्न किसी व्यक्ति के बारे में मैं आसानी से सोच सकता हूँ कि वह
मानव-जाति के लिए कोई स्थायी और नया आविष्कार कर सकता है, वह ईश्वर का नित
नवीन गण-गान करते हए इस दुख-संतप्त धरित्री को शांति और सद्भावना का संदेश दे सकता
है। लोगों से चरखा अपनाने के लिए कहने का मतलब है श्रम की गरिमा का स्वीकार । चरखे
को उसके गौरवपूर्ण स्थान से विदेशी वस्त्रों के प्रति हमारे आकर्षण ने ही दूर किया है ।
इसलिए मैं विदेशी वस्त्र पहनना पाप मानता हूँ।
(क) आत्मा की ख़ातिर कौन-सी चीजें चाहिए ?
(ख) स्वराज प्राप्ति के लिए किसकी शरण की बात की जा रही है और क्यों ?
(ग) आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से सम्पन्न व्यक्ति क्या-क्या कर सकता है ?
(घ) चोर किसे कहा गया है और क्यों ?
(ङ) लेखक की दृष्टि में विशाल कारागार क्या है ?
(च) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by satyamsharmajscm
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Answer:

dear iska answer hai bhart m gribi plz mark me as brainlist thnkuu agr apka man ho toh

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