History, asked by neelufar5206, 10 months ago

भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति को क्यों जलाया था ?

Answers

Answered by RvChaudharY50
8

Answer:

इस पुस्तक में ऐसा हलाहल विष भरा है कि जिसके चलते इस देश में कभी राष्ट्रीय एकीकरण का पौधा कभी पुष्पित और पल्लवित नहीं हो सकता!

वैसे तों इस पुस्तक में सृष्टि की उत्पत्ति की जानकारी भी दी गयी है लेकिन असलियत यह सब अज्ञानी मन के तुतलाने से अधिक कुछ भी नहीं हैं.

मनु स्मृति की इतने बढ़-चढ कर ज्ञान की डींगे बघारी गयी है उसका असली उद्देश्य जातिवाद का निर्माण और स्त्री को निंदनीय तथा निम्न बताना भर है. इसमे निहित आदेश निर्लज्जता से ब्राह्मणों के हित में हैं.

कहने वाले तो कहते हैं कि मनुस्मृति और उसकी आज्ञाएं कब कि मर चुकी हैं, अब गड़े मुर्दे उखाडने से क्या फायदा?

लेकिन सच पूछे कि क्या वाकई मनुस्मृति मर चुकी है.

ऐसा नहीं हैं, आज भी विश्वविद्यालयों में मनुस्मृति पाठ्यपुस्तक के रूप में पढाई जाती है. जयपुर हाईकोर्ट के परिसर में आज भी मनु की मूर्ति भारत के संविधान को चिढ़ाते स्थित है.

यूँ तो आज नये नए कानून बन गए हैं परन्तु दुःख कि बात है कि आज भी वास्तव में हम मनु स्मृति से ही संचालित हो रहे हैं.न जाने हम कब इस कब्र से बाहर निकलेंगे.

डॉ आंबेडकर ने इसका जवाब दिया कि "गाँधी को विदेशी कपड़ों को जलाकर क्या मिला?"

Similar questions