भ्रमण के लाभ पर अनुच्छेद | Paragraph on Value of the Travelling in Hindi
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"भ्रमण के लाभ"
आज के इस आधुनिक युग में इंसान इतना व्यस्त हो गया है कि अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी उसके पास समय नहीं है। आज हमारा खान-पान इतना बदल चुका है सारा खाने का सामान पैकेट बंद होता है। उसकी गुणवत्ता, ताजगी सुनिश्चित नहीं होती है। जिसके कारण हमें नित नई बीमारियां घेर रही है। अगर हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखना है तो उसके लिए थोड़ा समय निकालना बहुत जरूरी है। हमें नियमित रूप से प्रातः काल का भ्रमण करना चाहिए।
प्रात:काल के भ्रमण में हवा विशुद्ध होती है, क्योंकि उस समय सारे कारखाने बंद होते हैं तथा वाहनों की भी आवाजाही नहीं होती है। प्रात:काल की सैर शरीर को रोग मुक्त बनाती है कथा जिन बीमारियों से ग्रसित हैं, उनमें हम बीमारी की कमी का एहसास करते हैं।
हर उम्र के व्यक्ति के लिए प्रात काल की सैर एक संजीवनी बूटी की तरह है। प्रातः काल का भ्रमण शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही आसान और सुविधाजनक उपाय है। प्रातः काल का वातावरण बहुत ही शांत होता है, जिसमें हम योगासन आदि भी कर सकते हैं।
प्रात:काल की सैर करने से हमारी मांसपेशी में मजबूती आती हैं तथा शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी भी कम हो जाती है। शरीर में बढ़ते मोटापे को दूर करने के लिए प्रातः काल का भ्रमण बहुत जरूरी है।
नियमित रूप से प्रातः काल का भ्रमण करना चाहिए I हमारे फेफड़े रक्त को शुद्ध करने की क्रिया में अधिक प्रभावशाली बन जाते हैं। चिकित्सक भी रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह रोगियों को प्रातः काल का भ्रमण करने की सलाह देते हैं।
हमें प्रातः काल का भ्रमण नियमित रूप से 2 से 4 किलोमीटर तक करना चाहिए। सुबह की सैर हड्डियों में आई कमजोरियों को भी दूर करती है। प्रातः काल का भ्रमण करने से शरीर ही नहीं अपितु हमारा दिमाग भी तरोताजा हो जाता है और हमारा सारा तनाव दूर हो जाता है। जिस कारण हमारी एकाग्रता बढ़ती है।
तन और मन ही यदि स्वस्थ न हो तो व्यक्ति कुछ काम नहीं कर सकता है I बीमार व्यक्ति न तो किसी की सहायता कर सकता है और न किसी का सहारा बन सकता है, इसलिए हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए।