Hindi, asked by deshlahreji17272002, 3 months ago

भ्रमरगीत का सर आज बताते हुए उसकी काव्यगत विशेषताओं


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Answered by Anonymous
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Answer:

भ्रमरगीत एक भाव प्रधान काव्य है। रस की बात की जाय तो वियोग श्रृंगार का मार्मिक चित्रण किया गया है। गोपियों की स्पष्टता, वाक्पटुता, सहृदयता, व्यंग्यात्मकता सर्वथा सराहनीय है।

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