भारत-अमेरिका मतभेद के पाँच प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डालिए
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भारत और अमेरिका ने नागरिक परमाणु सहयोग के बारे में अंतिम समझौता (123 समझौता) करने की दिशा में अधिकांश मुद्दों पर सहमति बना ली है फिर भी कुछ मुद्दों पर मतभेद कायम हैं, जिन्हें दूर करने के लिए दोनों देश वार्ता जारी रखेंगे।
अमेरिका के सहायक विदेशमंत्री निकोलस बर्न्स से तीन दिन की वार्ता के बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने शनिवार को कहा कि हमने मतभेद पहले की तुलना में काफी कम करने में सफलता हासिल की है तथा आशा है कि 123 समझौता शीघ्र हो सकेगा। हालाँकि ऐसा कब होगा यह निश्चित रूप से कहना अभी संभव नहीं है।
मेनन ने इस बात का भी खुलासा नही किया कि किन मुद्दों पर सहमति हासिल कर ली गई है तथा असहमति के कौन से बिन्दु कायम हैं।
उन्होंने कहा- मुद्दे आपस में जुड़े हुए हैं और काफी जटिल हैं इसलिए अंतिम तस्वीर क्या बनेगी यह कहना अभी उचित नहीं होगा।
उधर विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मेनन की आशावादिता को दोहराते हुए कहा- परमाणु वार्ताओं में कोई गतिरोध नहीं है। वार्ता चल रही है। शीघ्र ही कुछ नतीजा निकलेगा।
बर्न्स ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से शिष्टाचार भेंट की तथा भारत-अमेरिका संबंधों के व्यापक रूप पर विचार विमर्श किया।
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भारत-अमेरिका मतभेद प्रमुख मुद्दे:
★ भारत संयुक्त राज्य अमेरिका सम्बन्धों को प्रभावित करने वाले घटकों में पाकिस्तान, रूस तथा चीन प्रमुख घटक है।
★कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका के द्वारा प्रारम्भ से पाकिस्तान पक्ष का समर्थन किया गया है।
★इसके अतिरिक्त भारत के परमाणु हथियार परीक्षण के पश्चात अमेरिका द्वारा भारत पर अनेक प्रतिबन्ध लगाये गये ।
★ इन आधार पर भारत-अमेरिका के सम्बन्धों में नकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है।
★ भारत के पाकिस्तान और चीन के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध हैं तथा संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पाकिस्तान सैन्य आर्थिक सहायता प्रदान करने से भारत के लिए असुरक्षात्मक वातावरण में वृद्धि हो रही है।
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