भारत अमेरिका मधुर संबंधों की विवेचना कीजिए
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संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत न तो वास्तव में दोस्त हैं और न ही दुश्मन। दोनों देशों के बीच संबंधों में लगातार उतार-चढ़ाव आया है, जो भारत के तटस्थ एन.ए.एम रुख से शुरू होकर कोल्ड वार के दौरान अलग-अलग रास्तों तक और अंतत: रणनीतिक अभिसरण के वर्तमान समय तक चला आया है।1 21 वीं शताब्दी में, भारत अमेरिकी भूराजनीति और वैश्विक रणनीतियों के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच बढ़ते संबंधों को "21 वीं शताब्दी की एक परिभाषित साझेदारी" के रूप में देखा जा सकता है।2 यह साझेदारी अमेरिका में बढ़ती भारत की सॉफ्ट पॉवर के रूप में और भी मजबूत हो गई है। जैसा कि जॉन अर्किला ने बिलकुल सही कहा था, कि वर्तमान के वैश्विक युग में विजय ज़्यादातर इस बात पर निर्भर करती है कि किसकी कहानी जीतती है, ना कि इस बात पर की किसकी सेना जीतती है। इस दावे को 1990 में जोसेफ जी नी अपनी “बाउंड टू लीड: द चैलेंजिंग नेचर ऑफ अमेरिकन पॉवर” नामक किताब में “सॉफ्ट पॉवर” की अवधारणा के माध्यम से उद्घृत किया था।3 सॉफ्ट पॉवर किसी देश की आकर्षण और सहयोग के माध्यम से और ना कि जबरदस्ती से अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर इच्छित परिणाम प्राप्त करने की क्षमता को दर्शाती है, जो अंतर्राष्ट्रीय मामलों के क्षेत्र में एक निर्णायक वास्तविकता है। सॉफ्ट पॉवर की मुद्रा सांस्कृतिक प्रभाव, राजनीतिक मूल्य और विदेशी नीतियां हैं। इसी तरह, भारत की सॉफ्ट पॉवर अमेरिकी धरती पर भारतीय प्रवासियों का बढ़ता प्रभाव है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते भारतीयों को "भारतीय-अमेरिकी" कहा जाता है क्योंकि उनकी पैतृक जड़ें भारत में अंतर्निहित हैं। 1980 में अमेरिकी जनगणना ब्यूरो ने स्वदेशी अमेरिकियों से पार्थक्य के लिए एक अन्य शब्द गढ़ा ‘एशियाई भारतीय’।4 अमेरिका में उनका आगमन 1946 के लूसी - सेलर अधिनियम द्वारा चिह्नित हुआ, जिसने भारतीयों को यू.एस की धरती पर देशीकरण अधिकार प्रदान किया।5 6 अमेरिका की जनगणना 2010 के अनुसार, एशियाई भारतीयों की आबादी '4.4 मिलियन' है, जो अमेरिका की 308,745,538 की कुल आबादी के लिहाज से ‘69.37%’ की दर से बढ़ रही है।7 यह संख्या एशियाई भारतीयों को उत्तर अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ती जातीय समुदाय बनाती है जबकि एशियाई भारतीय अमेरिका में मेक्सिकन और चीनी लोगों के बाद तीसरे सबसे बड़े प्रवासी हैं। भारतीय प्रवासी अमेरिका में मुख्य रूप से छात्र प्रवेश कार्यक्रमों, एच-1 बी वीजा कार्यक्रम के लाभार्थियों, परिवार-आधारित वरीयता और अस्थायी श्रमिक वीजा कार्यक्रमों के माध्यम से प्रसारित हुए हैं। वर्तमान में, भारतीय प्रवासियों का एक बड़ा भाग युवा, उच्च शिक्षित और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एस.टी.ई.एम) क्षेत्रों में प्रतिष्ठित है। भारतीय छात्र अमेरिकी विश्वविद्यालयों में नामांकित दूसरे सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय छात्र समूह हैं। भारतीय आबादी व्यापक रूप से अमेरिका के सभी स्टेट्स में फैली है जबकि अधिकतर भारतीय कैलिफोर्निया (20%), न्यू जर्सी (11%), टेक्सास (9%), न्यूयॉर्क (7%) और इलिनोइस (7%) में बसे हुए हैं।