भारत चीन संबंध का विश्लेषण कीजिए
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- वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद के अगले वर्ष, भारत ने चीन के साथ राजनयिक सम्बन्ध स्थापित किये। इस तरह भारत, चीन लोक गणराज्य को मान्यता देने वाला प्रथम गैर-समाजवादी देश बना। वर्ष 1954 के जून माह में चीन, भारत व म्यान्मार द्वारा शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व के पाँच सिद्धान्त यानी पंचशील प्रवर्तित किये गये
- भारत-चीन दोनों पड़ोसी एवं विश्व के दो उभरती शक्तियाँ हैं। दोनों के बीच लम्बी सीमा-रेखा है।
- इन दोनों में प्रचीन काल से ही सांस्कृतिक तथा आर्थिक सम्बन्ध रहे हैं। भारत से बौद्ध धर्म का प्रचार चीन की भूमि पर हुआ है। चीन के लोगों ने प्राचीन काल से ही बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण करने के लिए भारत के विश्वविद्यालयों अर्थात् नालन्दा विश्वविद्यालय एवं तक्षशिला विश्वविद्यालय को चुना था क्योंकि उस समय संसार में अपने तरह के यही दो विश्वविद्यालय शिक्षा के महत्वपूर्ण केन्द्र थे। उस काल में यूरोप के लोग जंगली अवस्था में थे।
- यद्यपि 1946 में चीन के साम्यवादी शासन की स्थापना हुई तदपि दोनों देशों के बीच मैत्री सम्बन्ध बराबर बने रहे। चीन के संघर्ष के प्रति भारत द्वारा विकासशील देश नीति की गई एवं पंचशील पर आस्था भी प्रकट की गई। वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद के अगले वर्ष, भारत ने चीन के साथ राजनयिक सम्बन्ध स्थापित किये। इस तरह भारत, चीन लोक गणराज्य को मान्यता देने वाला प्रथम गैर-समाजवादी देश बना।
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