"भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है"। इस वाक्य का क्या अर्थ है?
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संविधान के 42वें संशोधन के अनुसार भारत एक ‘धर्म निरपेक्ष' राज्य है | यह शब्द ‘पंथ निरपेक्ष' शब्द के स्थान पर जोड़ा गया था। इसका अर्थ है कि "राज्य धर्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करेगा, राज्य की दृष्टि में सभी धर्म एक समान है |”
पंथ और धर्म में एक मूलभूत अंतर यह है कि 'पंथ स्वयं धर्म का हिस्सा होते हैं , स्वयं में धर्म नहीं होते |' इसलिए ‘पंथ'के स्थान पर ‘धर्म निरपेक्ष' जोड़ा गया ।
बहरहाल ‘धर्म निरपेक्ष' के शाब्दिक अर्थ को ही इसकी व्याख़्या माना गया है | मैंने पूर्व में ही अपने एक उत्तर के माध्यम से स्पष्ट कर दिया था कि मैं इस प्रकार की व्याख़्या से सहमत नहीं हूं | मेरे मतानुसार धर्मनिरपेक्ष राज्य का अर्थ होना चाहिए की 'राज्य धर्म से जुड़े मामलों पर संज्ञान नहीं लेगा' , और राज्य को किसी भी धर्म के मामले में दखल नहीं देनी चाहिए तब तक जब तक वह विधि के विधान को चुनौती ना दें |