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भारत की बेटी
Suyash Shukla Suyash Shukla
Mere Alfaz
मैं भारत की बेटी ,समाज की नज़रों में कुंठित और ऐंठी ।
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मुझे जन्म से पहले मार दिया जाता,
बेटी पर लज्जा बेटों पर इठलाता
मुझे सरस्वती काली के रूप दिए क्यों जाते ,
जब स्वयं सुरक्षा उनकी हम नहीं कर पाते।
कुछ लोग बताते भारत में नारी पूजी जाती थी,
तब नारी घर में रहती लाज बचा पाती थी
अब नारी जो बाहर निकले कितने लोग उमड़ जाते हैं
उसी को नोच गिद्ध सड़कों पर खाते हैं।
ये गिद्ध समाज के पाले कुदृष्टि रखते हैं ,
अपनी उद्दे्यपूर्ति के लिए ये ऐसी दृष्टि रखते हैं।
मोम बत्तियां लेकर हम स्वयं जल जाएंगे।
उस पीड़िता के अश्रु से हम पिघल जाएंगे।
हमें अपने बेटों को संस्कार सीखना होगा ,
वो नारी है पूजनीय उसे बचाना होगा।
वो भारत की बेटी हर पिता की प्यारी।
वस्त्र पहचान नहीं उसकी वो दोनों में लगती प्यारी।
खोट हमारे मन में ,गलती हमारी है सारी।
स्वतंत्रता सबको वो जीन्स पहने या साड़ी।
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