History, asked by tanyaneware89, 25 days ago

भारत की प्राचीन राजनीतिक पर प्रकाश डालते हुए इसकी विशेषताओ का वर्णन तीन सौ शब्दओ मे किजिए ।​

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Answered by parmitverma307
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Answer:

राज्य ने ही समाज को बांधे रखा है इस कारण धर्मशास्त्रों में भी एक अंग के रूप में राजधर्म का वर्णन किया गया है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि प्राचीन भारत में व्यक्तिवादी और अराजकतावादी विचारों का अभाव रहा। अराजक्तावादियों के अनुसार राज्य अनावश्यक और अनुपयोगी है। व्यक्तिवादी राज्य को 'आवश्यक बुराई' मानते हैं।

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