'भारत को प्रकृति से अनुपम वरदान मिला है। इसलिए आइए, हम सब मिलकर उस एकात्मकता को और हर एक व्यक्ति को
अपनी यह आकांक्षा पूरी करने, अपने सपनों और अपने भाग्य के लिखे को पूरा कर पाने में सहायक बनें। लेखक ने ऐसा विचार
व्यक्त करके हम युवाओं पर भरोसा जताया है। क्या हम उनके इस भरोसे पर खरा उतर सकते हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार?
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भारत को प्रकृति से अनुपम वरदान मिला है। इसलिए आइए हम सब मिलकर उस एकात्मकता को और हर एक व्यक्ति को अपनी यह आकांक्षा पूरी करने, अपने सपनों और अपने भाग्य के लिखे को पूरा कर पाने में सहायक बनें। इसे हमें एक राष्ट्रीय आंदोलन का रूप देना होगा। भारत का कर्ज है हमारे ऊपर। हमें अपने वर्तमान का यह ऋण चुकाना है। आइए धरती मां का, प्रकृति का यह ऋण हम उतारकर जाएं
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हां
Explanation:
कुछ इस प्रकार से
- भारत को प्रकृति से सात रितु ओं का वरदान मिला है; भारत के जमीन पर बहुत से बहुमूल्य रखने भी पाए जाते हैं
- हमें एक दूसरे से एकता की भावना रखनी चाहिए ताकि हम एक दूसरे से बुरे समय पर मदद कर सके
- हम जेसी प्रकार से किसी व्यक्ति की मदद करना चाहते हैं तो हम कल सकते हैं जैसे उसे कुछ बता कर और अच्छी बातें कपड़े दे सकती हैं अगर हमारे पास खराब किताब है तो हम उसे देकर उसकी मदद कर सक सकते हैं
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