भारत की संस्कृती पर निबंध
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Amoeba takes in food using temporary finger-like extensions of the cell surface which fuse over the food particle forming a food-vacuole. Inside the food vacuole, complex substances are broken down into simpler ones which then diffuse into the cytoplasm.Magnesium oxide, or magnesia, is a white hygroscopic solid mineral that occurs naturally as periclase and is a source of magnesium. It has an empirical formula of MgO and consists of a lattice of Mg²⁺ ions and O²⁻ ions held together by ionic bonding.
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प्रस्तावना –
भारत विविधताओं का देश है, जहां अलग-अलग धर्म, जाति, पंथ, लिंग के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। अनेकता में एकता ही भारतीय संस्कृति की मूल पहचान है। भारतीय संस्कृति सबसे प्राचीन संस्कृति होने के बाबजूद भी आज अपने नैतिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए हुए है।
प्रेम, धर्म, राजनीति, दर्शन, भाईचारा, सम्मान, आदर, परोपकार, भलाई, मानवीयता, आदि भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं हैं। भारत में रहने वाले सभी लोग सभी अपनी संस्कृति का आदर करते हैं और इसकी गरिमा को बनाए रखने में अपना सहयोग करते हैं।
संस्कृति की परिभाषा एवं संस्कृति शब्द का अर्थ – Meaning of Culture
किसी देश, जाति, समुदाय आदि की पहचान उसकी संस्कृति से ही होती है। संस्कृति, देश के सभी जाति, धर्म, समुदाय को उसके संस्कारों का बोध करवाती है।
जिससे उन्हें अपने जीवन के आदर्शों और नैतिक मूल्यों पर चलने की प्रेरणा मिलती है और अच्छी भावनाओं का विकास होता है। विरासत में मिले विचार, कला, शिल्प, वस्तु आदि ही किसी देश की मूल संस्कृति कहलती है।
संस्कृति शब्द का मुख्य रुप से संस्कार से बना हुआ है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है सुधारने अथवा शुद्धि करने वाली या फिर परिष्कार करने वाली। वहीं चार वेदो में से एक यजुर्वेद में संस्कृति को सृष्टि माना गया है, जो समस्त विश्व में वरण करने योग्य होती है।
जीवन को सम्पन्न करने के लिए मूल्यों, मान्यताओं एवं स्थापनाओं का समूह ही संस्कृति कहलाता है, सीधे शब्दों में संस्कृति का सीधा संबंध मनुष्य के जीवन के मूल्यों से होता है।
सभ्यता एवं संस्कृति:
सभ्यता और संस्कृति को भले ही आज एक-दूसरे का पर्याय कहा जाता हो, लेकिन दोनों एक-दूसरे से काफी अलग-अलग होती हैं। सभ्यता का सबंध मानव जीवन के बाहरी ढंग अथवा भौतिक विकास से होता है, जैसे उसका रहन-सहन, खान-पान, भाषा आदि। संस्कृति का सीधा अभिप्राय मनुष्य की सोच, चिंतन, अध्यात्म, विचारधारा आदि से होता है।
संस्कृति का क्षेत्र काफी व्यापक और गहन होता है। इसके तहत आन्तरिक गुण जैसे विन्रमता, सुशीलता, सहानुभूति, सहृदयता, एवं सज्जनता आदि आते हैं जो इसके मूल्य व आदर्श होते हैं।
हालांकि, सभ्यता एवं संस्कृति का आपस में काफी घनिष्ठ संबंध होता है, क्योंकि मनुष्य अपने विचारों से ही किसी वस्तु को बनाता है।
विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति के रुप में भारतीय संस्कृति:
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है, लेकिन आधुनिकता और पाश्चात्य शैली अपनाने के बाबजूद आज भी भारतीय संस्कृति ने अपने मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत को बना कर रखा है।
इतिहासकारों के मुताबिक भारतीय संस्कृति के सबसे प्राचीनतम होने का प्रमाण में मिले शैलचित्र एवं नृवंशीय व पुरातत्वीय अवशेषों और की गई खुदाई से सिद्ध हुआ है।
इसके अलावा सिंधु घाटी की सभ्यता में किए गए कुछ उल्लेखों से यह ज्ञात होता है कि आज से करीब 5 हजार साल पहले भारतीय संस्कृति का उदगम हो चुका था। यह नहीं वेदों में भारतीय संस्कृति का उल्लेख भी इसकी प्राचीनता का एक बड़ा प्रमाण है।
भारतीय संस्कृति क्यों हैं विश्व की समृद्ध संस्कृति और इसकी विशिष्टताएं:
भारतीय संस्कृति में कई अलग-अलग धर्म, समुदाय, जाति पंथ आदि के लोगों के रहने के बाद भी इसमें विविधता में एकता है। भारतीय संस्कृति के आदर्श एवं मूल्य ही इसे विश्व में एक अलग सम्मान दिलवाती है और समृद्ध बनाती है। भारतीय संस्कृति की कुछ प्रमुख विशेषताएं नीचे दी गई हैं –
भारतीय संस्कृति आज भी अपने मूल रुप-स्वरूप में जीवित है:
भारतीय संस्कृति की निरंतरता ही इसकी प्रमुख विशेषता है, विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति होने के बाबजूद आज भी यह अपने मूल रुप में जीवित है। वहीं आधुनिकता के इस युग में आज भी कई धार्मिक परंपराएं, रीति-रिवाज, धार्मिक अनुष्ठान कई हजार सालों के बाद भी वैसे ही चले आ रहे हैं। धर्मों और वेदों में लोगों की अनूठी आस्था आज भी भारतीय संस्कृति की पहचान को बरकरार रखे हुए है।
सहनशीलता एवं सहिष्णुता:
भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी खासियत सहिष्णुता और सहनशीलता है। भारतीयों के साथ अंग्रजी शासकों एवं आक्रमणकारियों द्धारा काफी क्रूर व्यवहार किया गया और उन पर असहनीय जुर्म ढाह गए, लेकिन भारतीयों ने देश में शांति बनाए रखने के लिए कई हमलावरों के अत्याचारों को सहन किया।
उपसंहार
मनुष्य के अंदर जो भी गुण समाहित होते हैं, वो उसे उसकी संस्कृति से विरासत में मिलते हैं और उसे एक सामाजिक एवं आदर्श प्राणी बनाने में मद्द करते हैं। वहीं मानव कल्याण एवं विकास के लिए सभी सहायक संपूर्ण ज्ञानात्मक, विचारात्मक, एवं क्रियात्मक गुण उसकी संस्कृति कहलाते हैं।
भारतीय संस्कृति इसके नैतिक मूल्यों, आदर्शों एवं अपनी तमाम विशिष्टताओं की वजह से पूरी दुनिया में विख्यात है और दुनिया की सबसे समृद्ध संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण है जहां सभी लोग एक परिवार की तरह रहते हैं।