Political Science, asked by bindupareek595, 1 year ago

भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने के लिए नेहरू ने किन तर्को का इस्तेमाल कियाI क्या आपको लगता है कि यह केवल भावनात्मक और नैतिक तर्क है अथवा मैं कोई तर्क युक्तिपरक भी है ?

Answers

Answered by smartyjay9
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भारतीय संविधान द्वारा भारत धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। भारतीय संविधान की पूर्वपीठिका (preamble) में 'सेक्युलर' शब्द ४२वें संविधान संसोधन द्वारा सन १९७६ में जोड़ा गया। किन्तु ऐतिहासिक रूप से भारत में 'सर्वधर्म समन्वय' और वैचारिक एवं दार्शनिक स्वतन्त्रता अनादी काल से चली आ रही है।

Answered by TbiaSupreme
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"पंडित जवाहर लाल नेहरू आजादी के महानायकों में से एक थे जो देश की राजनीतिमें धर्मनिरपेक्ष सोच को बढ़ावा देते थे |  

वो सदाए हर तरह के सांप्रदायिक शक्तिओ से लड़ने के लिए तैयार रहे और देशको सांप्रदायिकता के कीचड़ से बचाने में सफ़ल रहे |

उस समय  में आरएसएस के लोग भी कुछ कम नहीं थे, हिन्दू महासभा से जोखिम था लेकिन देश की अमन पसंद बिरादरी की तुलनामे सांप्रदायिक शक्तिओ की कोई औक़ात नहीं थी, लेकिन नेहरू कभी अनजान नहीं रहे। हमेशा सतर्क रहे और सांप्रदायिकता की बुनियादको पक्का किया। उन्होंने 17 अगस्त 1951 को अपने दोस्त और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बिधान चंद्र रॉय को चिठ्‌ठी भेजी जिसमें लिखा था की """"अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे पर इसलिए हाथ उठाता है कि उसका धर्म अलग है तो यह मुझे बरदाश्त नहीं। इस समस्या से मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा।""""  "

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