अगर पहले आम चुनाव के बाद भारतीय जनसंघ अथवा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी होती तो किन मामलों में इस सरकार ने अलग नीति अपनाई होती? इन दोनों दलों द्वारा अपनाई गई नीतियों के बीच तीन अंतरों का उल्लेख करें I
Answers
"यदि भारतीय जनसंघ की सरकार बनी होती तो:
१. हिंदी राष्ट्रभाषा बनाने की मान्यता रखती |
२. सांस्कृतिक और धार्मिक अल्पसंख्यकों को रियायतें देने का का विरोध करती |
३. भारतको परमाणुशक्ति संपन्न बनाने की ओर प्रयत्न करती |
यदि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार होती तो :
१. मजदूरों तथा किसानो के हितो का समर्थन करती |
२. जम्मू कश्मीर को धारा ३७० अनुसार विशेष स्थिति प्राप्त है, पार्टी इसको ख़तम करने का प्रयास करती |
३. काम का अधिकार मौलिक अधिकारों में सामेल करती | "
Answer:
Explanation:
जहां तक हम जानते हैं कि देश के आजादी के आंदोलन में, कांग्रेस पार्टी की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण थी। कांग्रेस के अनेक नेता के बल पर भारत को स्वतंत्रता हासिल हुआ। जिसके कारण प्रथम आम चुनाव 1951 -52 में, कांग्रेस पार्टी को 489 सीट में से 364 सीटें प्राप्त हुई। प्रथम आम चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी जनता के हितकारी रूप में कार्य किया देश के विभिन्न लोगों के साथ चल कर सरकार के कार्य का निर्वहन किया। जिसके कारण द्वितीय आम चुनाव में इन्हें और सराहना मिली और 494 सीटों में से 374 सीट मिल गई।यही प्रक्रिया आम चुनाव में भी रहा। कांग्रेस पार्टी अपने मनमाने ढंग से कार्य करने लगी क्योंकि विपक्षी दलों का भी प्रभाव ना के बराबर था। लगातार कांग्रेस पार्टी भारतीय जनसंघ और कम्युनिस्ट पार्टी के विचारो के प्रतिकूल कार्य कर रही थी । कम्युनिस्ट और जन संघ की विचार देश आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने तथा बड़े बड़े पूंजीपतियों या उद्योग धंधों का राष्ट्रीयकरण हो
अर्थात हम कर सकते हैं कि यदि प्रथम आम चुनाव के बाद कम्युनिस्ट या जनसंघ की सरकार बनी होती। तो शासन व्यवस्था और देश का हालात कुछ और ही होता। (Kk disu)