Geography, asked by srivastavaanjali055, 1 month ago

भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्यों में बन क्षेत्रों के उच्च प्रतिशत होने के
दो कारणों को स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by dpihulkar
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Answer:

भारत के उत्तर-पूर्व में सात राज्य हैं। इन्हें 'सात-बहनें' या 'सेवन-सिस्टर्स' के नाम से भी जाना जाता है। इन राज्यों में 255,511 वर्ग किलोमीटर (98,653 वर्ग मील), या भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग सात प्रतिशत के एक क्षेत्र को कवर किया हुआ है। वर्ष 2011 में 44,98 लाख की आबादी थी, जो कि भारत के कुल आबादी की 3.7 प्रतिशत थी। हालांकि वहाँ सात राज्यों के भीतर महान जातीय और धार्मिक विविधता है, लेकिन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में समानता भी है।

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जब भारत 1947 में यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्र हुआ, केवल तीन राज्यों क्षेत्र को कवर किया। मणिपुर और त्रिपुरा, रियासते थी, जबकि एक बहुत बड़ा हिस्सा असम प्रांत प्रत्यक्ष रूप से ब्रिटिश शासन के अधीन था। इसकी राजधानी शिलांग (मेघालय वर्तमान दिन की राजधानी) था। चार नए राज्यों असम के मूल क्षेत्र के बाहर जातीय और भाषाई तर्ज पर राज्यों का पुनर्गठन की भारत सरकार की नीति के साथ लाइन में है, और आजादी के बाद दशकों से जुड़े हुए हैं। वर्ष 1963 में नागालैंड अलग राज्य बना, नागालैंड की तर्ज पर वर्ष 1972 में मेघालय भी एक राज्य बन गया। मिजोरम 1972 में एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया, और 1987 में ही अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ राज्य का दर्जा हासिल किया। उत्तर-पूर्वी भारत के स्वदेशी जनजातियों बोडो, निशि लोग, गारो, नागा, भूटिया और कई अन्य हैं

Answered by Anonymous
3

Explanation:

army gi rls aa jao ❤️❤️( q y j - z t j b - t r x ) sandeeptunge bracket m kuch hai waha par aao

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